अमृतसर में बीते दिनों पुलिस सब-इंस्पेक्टर की गाड़ी के नीचे विस्फोट रखने के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पूरे घटनाक्रम में उस समय एक मार्मिक कोण सामने आया, जब गली के कुत्ते ने न केवल अपने रोटी खिलाने वाले की जान बचाई, बल्कि आतंकी हमला नाकाम करके हजारों अन्य जीवन को भी सुरक्षित किया।
अमृतसर में आतंकी हमले की कोशिश को एक कुत्ते ने नाकाम कर दिया। उसने पुलिस अफसर की कार के नीचे फिट किया आईईडी विस्फोटक निकाला, जिसे बाद में कार सफाई करने वाले ने नीचे गिरा देखा। उसने मालिक को सूचना दी। इसकी सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। कुत्ता खाने की तलाश में उधर पहुंचा और विस्फोट भरे डिब्बे को गिरा दिया, जिससे बम डिफ्यूज हो गया। यह कार क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह की थी। यह भी कहा जा रहा है कि दिलबाग इस कुत्ते को रोजाना रोटी देते थे। जिस वजह से वह अक्सर रणजीत एवेन्यू स्थित उनके घर के आसपास घूमता रहता था। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि ढ्ढश्वष्ठ विस्फोटक खुद नीचे नहीं गिरा, बल्कि कुत्ते ने खींचकर उसे नीचे गिराया।
सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह के घर के बाहर की सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि दो बाइक सवारों ने रात करीब 2 बजे यह विस्फोटक कार के नीचे फिट किया। इसके कुछ समय बाद वहां एक कुत्ता आया। वह कार के नीचे सीधे वहां घुसा, जहां विस्फोटक फिट किया गया था। उसने काफी मशक्कत के बाद उसे कार से नीचे खींच लिया। विस्फोटक नीचे गिरा तो कुत्ता वहां से चला गया। इसके बाद सुबह के समय कार धोने वाले ने उसे देखा और उठाकर सब इंस्पेक्टर के परिवार को सूचना दी।
पुलिस की शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि यह बम इस तरह से फिट किया गया था कि कार स्टार्ट करते ही धमाका होना था। सब इंस्पेक्टर पहले ही आतंकियों के निशाने पर हैं। इसलिए उन्हें ज्यादा सुरक्षा दी गई है। रणजीत एवेन्यू में रहने वाले दिलबाग सिंह आतंकवाद के दौर में अच्छा काम कर चुके हैं। जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया। दिलबाग ने पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के साथ भी आतंकवाद के दौर में काम किया।
दूसरी ओर पंजाब पुलिस ने इस संबंध में दो लोगों को पकड़ने का दावा किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान हरपाल सिंह और फतेहवीर सिंह के तौर पर हुई है। पकड़ा गया हरपाल सिंह कोई और नहीं, पंजाब पुलिस का जवान है। बीते कुछ सालों से उसे अमृतसर निवासी सुप्रीम कोर्ट के वकील संदीप गोरसी की सुरक्षा में तैनात किया गया था। दोनों आरोपी मोबाइल फोन ट्रेस होने से पुलिस की पकड़ में आए हैं।
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