घाटी में मजबूत होते राष्ट्रवाद से बौखलाए आतंकी कश्मीरी हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से उनकी कॉलोनियों में धमकी भरे पत्र भेजे जा रहे हैं बल्कि ऑफिस तक में उन पर गोली चलाई जा रही है। कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और उनके दर्द को जब द कश्मीर फाइल्स फिल्म के जरिये दिखाया गया तो उसमें भी राजनीति शुरू हो गई। यहां तक कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके विधायकों ने तो सदन में ठहाके भी लगाए। सच दिखा तो तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले तिलमिला गए।
मंगलवार को आतंकियों ने शोपियां में दो कश्मीरी पंडित भाइयों का पहले नाम पूछा, उसके बाद अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। सुनील कुमार भट्ट की मौत हो गई। उनके भाई पिंटू कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हमले पर आईजीपी कश्मीर ने कहा कि महिलाओं और बच्चों, निहत्थे पुलिसकर्मियों और बाहरी मजदूरों सहित निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर, आतंकवादी घाटी में शांति लाने के हमारे प्रयासों को नहीं रोक सकते।
अभिनेता अनुपम खेर ने भी इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ये शर्मनाक बात है कि अभी भी वहां कश्मीरी पंडितों के साथ वही अत्याचार हो रहा है। वहां तो अपने ही लोगों को मार रहे हैं। वहां पिछले 30 साल से ऐसा हो रहा है, इसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम। ये उन तमाम लोगों के मुंह पर तमाचा है जो ‘कश्मीर फाइल्स’ को काल्पनिक बता रहे थे। पांच लाख लोग जो अपने घरों से निकाल दिए गए थे, उनके बारे में बोल रहे थे कि ये हो नहीं सकता। मैं उनसे कहूंगा कि आपसे बड़ा पाखंडी मैंने ज़िन्दगी में नहीं देखा।
ये उन तमाम लोगों के मुंह पर तमाचा है जो 'कश्मीर फाइल्स' को काल्पनिक बता रहे थे। 5 लाख लोग जो अपने घरों से निकाल दिए गए थे, उनके बारे में बोल रहे थे कि ये हो नहीं सकता। मैं उनसे कहूंगा कि आपसे बड़ा पाखंडी मैंने ज़िन्दगी में नहीं देखा: शोपियां में आतंकी हमले पर अभिनेता अनुपम खेर pic.twitter.com/O0blcOxG9O
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2022
पुष्कर नाथ पंडित की भूमिका निभाई थी
गौरतलब है कि अनुपम खेर ने द कश्मीर फाइल्स में पुष्कर नाथ पंडित की भूमिका निभाई थी। कश्मीर में आतंकियों के हाथों मारे गये हिंदुओ, कश्मीरी पंडितों की मोक्ष की कामना से अनुपम खेर ने काशी में विशेष अनुष्ठान किया था। काशी में अनुपम खेर ने कहा था कि 32 साल पहले हमारी माताओं, बहनों के साथ जुल्म हुआ था। हिंदुओं को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। लोगों को पलायन करना पड़ा था। बिना किसी बात के उनकी हत्या की गयी थी। उन्हीं की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना से मैंने पूजन किया। हमलों में मरे कश्मीरी पंडितों के परिजनों को पुनः बसाना चाहिये। सभी को चाहिये कि आतंकियों का खुल कर विरोध करें।
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