भारतीय नौसेना के 8 जहाजों ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर छह महाद्वीपों, तीन महासागरों और छह अलग-अलग बंदरगाहों पर तिरंगा फहराया। इन मौकों पर प्रवासी भारतीयों की उपस्थिति ने पूरा माहौल राष्ट्रभक्ति से भर दिया। मस्कट (ओमान) में आईएनएस चेन्नई और आईएनएस कोच्चि, सिंगापुर में आईएनएस सरयू, अफ्रीका मोम्बासा (केन्या) में आईएनएस तबर, लंदन में आईएनएस तरंगिनी, दक्षिण अमेरिका के रियो डी जनेरियो (ब्राजील) में आईएनएस तरकश, पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) में आईएनएस सुमेधा और उत्तरी अमेरिका के सैन डिएगो (यूएसए) में आईएनएस सतपुड़ा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए पहुंचे थे।
दक्षिण पूर्वी हिंद महासागर में तैनात आईएनएस सुमेधा ने वेटरन्स और ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बलों के अधिकारियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया। आईएनएस सुमेधा तिरंगा फहराने और स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत करने वाला पहला जहाज है। पोर्ट कॉल के दौरान यह जहाज आगंतुकों और प्रवासी भारतीयों के लिए भी खुला रखा गया। भारतीय नौसेना बैंड ने 14 अगस्त को पर्थ में भारत के महावाणिज्य दूतावास, पर्थ और इंडियन सोसाइटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित भारत दिवस परेड में भी भाग लिया। यह जहाज 17 अगस्त को वापसी के दौरान रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के एंज़ैक क्लास फ्रिगेट एचएमएएस एंज़ैक के साथ एक समुद्री साझेदारी अभ्यास (एमपीएक्स) में भी भाग लेगा।
उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप पर नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस सतपुड़ा ने भारतीय प्रवासियों और प्रतिष्ठित स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में भारतीय तिरंगा फहराया। इसके अलावा सैन डिएगो के यूएस नेवी बेस पर 75-लैप ‘आजादी का अमृत महोत्सव रन’ भी आयोजित किया। इन 75 लैप में से प्रत्येक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के 75 दिग्गजों को राष्ट्र के लिए उनके बलिदानों की याद के रूप में समर्पित किया गया। आईएनएस सतपुड़ा की सैन डिएगो की यात्रा भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह पहली बार है जब कोई भारतीय नौसेना युद्धपोत उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर पहुंचा है। इस प्रकार राष्ट्रीय उद्देश्यों के समर्थन में जरूरत पड़ने पर भारतीय नौसेना ने दुनिया भर में अपने जहाज तैनात करने की क्षमता का प्रदर्शन किया।
दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में भारतीय नौसेना के ध्वजवाहक आईएनएस तरकश 13 अगस्त 2022 को रियो डी जनेरियो पहुंचा। रियो डी जनेरियो की यात्रा ब्राजील की स्वतंत्रता की 200 वीं वर्षगांठ समारोह के उपलक्ष्य में भी है। जहाज की ऐतिहासिक यात्रा नेटाल में पोर्ट कॉल के साथ शुरू हुई, जो किसी भी भारतीय नौसेना जहाज की पहली यात्रा है। अफ्रीकी महाद्वीप पर निर्देशित मिसाइल युद्धपोत आईएनएस तबर केन्या के मोम्बासा बंदरगाह पर पहुंचा। यहां प्रवास के दौरान जहाज पर ध्वजारोहण समारोह हुआ, जिसमें केन्या नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों, नागरिक मेहमानों और भारतीय प्रवासियों के भाग लिया। माउंटोंगवे नेवल बेस पर 16 अगस्त को ‘इंडिया-केन्या फ्रेंडशिप रन’ की योजना बनाई गई है, जिसमें भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना है।
एशियाई महाद्वीप में डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई और कोच्चि ने मध्य पूर्व में मस्कट, ओमान में पोर्ट कॉल किया, जबकि ऑफशोर पेट्रोल वेसल आईएनएस सरयू ने स्मारक तैनाती के हिस्से के रूप में सिंगापुर में प्रवेश किया। भारतीय नौसेना पोत के चालक दल ने सिंगापुर के क्रांजी युद्ध स्मारक और आईएनए मार्कर पर पुष्पांजलि अर्पित की। भारतीय नौसेना का सबसे पुराना सेल ट्रेनिंग शिप आईएनएस तरंगिनी ने यूरोपीय महाद्वीप में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व किया। आईएनएस तरंगिनी के चालक दल ने राष्ट्रमंडल स्मारक द्वार पर दो विश्व युद्धों के दौरान अंतिम बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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