केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने सभी राज्यों को प्रदूषित नदियों की सूची भेज दी है। इनमें से नौ नदियां उत्तराखंड की हैं और ये सभी कहीं न कहीं जाकर गंगा में मिलती हैं।
जानकारी के मुताबिक मोथवाला से रायवाला तक आने वाली सुसवा नदी सबसे ज्यादा प्रदूषित मानी गई है। जल शक्ति मंत्रालय ने एक सर्वे में देश में 323 नदियों के 357 क्षेत्रों को प्रदूषित क्षेत्र घोषित किया है। इनमें नौ नदियों को उत्तराखंड में चिन्हित किया है, इनमें सुसवा के अलावा, भेला नदी काशीपुर, कल्याणी नदी पंत नगर, कोसी नदी सुल्तानपुर पट्टी, नंधौर नदी सितारगंज, किच्छा गौला नदी किच्छा, पिलखर नदी रुद्रपुर, गंगा नदी सुल्तानपुर, हरिद्वार और ढेला नदी रामनगर में है।
इन नदियों में खतरनाक रसायन, गाद कीचड़ की मात्रा अत्यधिक पाई गई है। खास बात ये कि ये सभी नदियां उत्तराखंड के शिवालिक क्षेत्र से शुरू होती है और मैदानी क्षेत्र में जाकर गंगा से मिलती हैं। इन नदियों में अवैध कब्जे भी बताए गए हैं और नदियों को गंदे नालों में बदलते हुए तथ्य भी रखे गए हैं।
सुसवा नदी कभी देहरादून के लिए मछलियां और साग सब्जी उपलब्ध कराती थी, लेकिन अब देहरादून और आसपास की सारी गंदगी और खतरनाक रसायन लेकर चलती है, जिसकी वजह से इसका पानी पीने तो क्या किसी भी इस्तेमाल के लायक नहीं रहा। यह गंदा पानी गंगा में जाकर मिल रहा है। पेयजल के सचिव नीतीश झा के मुताबिक केंद्र ने जो रिपोर्ट भेजी है उस पर हम ध्यान दे रहे हैं और नमामि गंगे योजना के तहत इनकी सफाई और प्रदूषण मुक्त करने की योजना पर काम करेंगे।
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