आजादी के अमृत महोत्सव के खास मौके पर गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक इमारत को खास रंगत देते हुए यहां डायनेमिक फ़साड लाइटिंग का लोकार्पण किया। तकनीक की मदद से हुई थीम आधारित इस रोशनी ने विधानभवन की सुंदरता में चार-चांद लगा दिए हैं।
लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास को भुलाकर कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। इतिहास गौरव का भाव तो भरता ही है, ऐतिहासिक गलतियों के परिमार्जन के लिए प्रेरित भी करता है। आजादी का अमृत महोत्सव हम सबको इस बात का अहसास करा रहा है कि विरासत के प्रति हमारा क्या भाव होना चाहिए। हम प्रधानमंत्री जी के आभारी हैं, जिनके मार्गदर्शन में देश पूरी भव्यता, उत्साह और उमंग के साथ अमृत महोत्सव का आयोजन कर रहा है।
उत्तर प्रदेश विधान भवन की ऐतिहासिकता की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1922 में इस भवन का निर्माण प्रारंभ हुआ था। आज जहां विधानसभा का सत्र चलता है, पहले वहां विधान परिषद की बैठक होती थी। वर्ष 1937 में विधानसभा की कार्यवाही यहां प्रारंभ हुई। तब इसी भवन में हमारे स्वतन्त्रता सेनानियों ने आजाद भारत के सपने को बुना। आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाया। आज उत्तर प्रदेश के 1 लाख 10 हजार गांवों और 700 से अधिक नगरीय निकायों में रहने वाली 25 करोड़ जनता की सुख-समृद्धि के लिए इसी भवन में मंथन होता है। यह विधानभवन ‘विधायिका का पवित्र स्थल’ है।
सीएम ने कहा कि आज वर्ष 2022 में जबकि यह भवन 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है, तब इसे विशिष्ट प्रयास करते हुए इसे नया रंग रूप दिया जा रहा है। अब पूरे एक सप्ताह यहां हर शाम 7 से 8 बजे तक लाइट एंड साउंड शो का प्रदर्शन होगा और राष्ट्रगीत वंदे मातरम का गायन होगा। विधान भवन की तर्ज पर अब जल्द ही लोकभवन पर भी ऐसी ही थीम आधारित प्रकाश से सजावट की जाएगी, जिसे चरणबद्ध रूप से सभी प्रमुख विरासत स्थलों, शहीद स्मारकों तक विस्तार दिया जाएगा।
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