एक ही दिन एक जैसी घटना में दो पंथों के बच्चों और युवकों की मृत्यु पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भेदभावपूर्ण रवैया उनके ट्वीट से स्पष्ट है। दोनों घटनाओं को लेकर गहलोत ने संवेदना जताते हुए ट्वीट किए थे। उनके दोनों ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है और उन पर तुष्टीकरण की राजनीति के आरोप लग रहे हैं। मुख्यमंत्री की आंखें संवेदना के समय भी लोगों को पंथ विशेष के नजरिये से अलग-अलग देखती हैं।
राजस्थान में 31 जुलाई को एक ही दिन एक जैसी घटना में दो पंथों के बच्चों और युवकों की मृत्यु पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भेदभावपूर्ण रवैया उनके ट्वीट से स्पष्ट है। दोनों घटनाओं को लेकर गहलोत ने संवेदना जताते हुए ट्वीट किए थे। उनके दोनों ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है और उन पर तुष्टीकरण की राजनीति के आरोप लग रहे हैं। मुख्यमंत्री की आंखें संवेदना के समय भी लोगों को पंथ विशेष के नजरिये से अलग-अलग देखती हैं। निस्संदेह दोनों ही घटनाएं बहुत दुखद थीं।
श्रीगंगानगर जिले की अनूपगढ़ तहसील में रामसिंहपुरा थाना क्षेत्र के उदासर में खेत में बनी पानी की हौज में डूबने से पांच बच्चों की मौत हो गई। मृतक बच्चों में दो सगे भाई थे। पांचों बच्चे एक ही परिवार के थे और आपस में चचेरे, ममेरे भाई-बहन थे। इनमें दो बालक और तीन बालिकाएं थीं। हौज डूबने से निशा (13), भावना (10), अंकित (10), अंशु (9) और राधे (11) की मौत हो गई। पांच हिन्दू बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री ने अपनी संवेदना तो प्रकट की, लेकिन उनकी सरकारी मशीनरी उनके लिए इन बच्चों के नाम तक नहीं पता कर पाई। तिस पर राजस्थान सरकार ने इन बच्चों के परिजनों के लिए किसी प्रकार की आर्थिक सहायता की घोषणा भी नहीं की।
राजस्थान में कांवड़ यात्राओं पर भी सेकुलर सरकार की सख्ती
राजस्थान की गहलोत सरकार में हालात ऐसे हैं कि बहुसंख्यक हिन्दू समाज को कांवड़ यात्राओं को लेकर भी प्रशासन की सख्ती का सामना करना पड़ा। जयपुर में कांवड़ यात्रा में डीजे बजाने पर रोक लगाई गई। वहीं टोंक जिले के सबसे संवेदनशील मालपुरा कस्बे में प्रशासन ने कांवड़ यात्रा का परंपरागत मार्ग ही बदल दिया। यात्रा समिति वर्षों से एक तय मार्ग से यात्रा निकालती रही है, लेकिन इस बार कांवड़ियों की ‘सुरक्षा’ के नाम पर इसका मार्ग बदल दिया गया, ऊपर से कई शर्तें लगा दी गई। इसी के चलते यात्रा समिति ने आखिर कांवड़ यात्रा ही निरस्त कर दी। समिति संयोजक विकास शर्मा ने कहा कि हम वर्षों से इस मार्ग से यात्रा निकालते आ रहे हैं और 2018 में एक घटना के अलावा कभी कुछ नहीं हुआ। अब प्रशासन ने नए मार्ग से यात्रा निकालने को कहा था, जो हमें स्वीकार नहीं है। प्रशासन का तर्क था कि नवनिर्मित मार्ग कांवड़ यात्रा के लिए ही है। अन्य यात्राओं के लिए शहर के अन्य मार्ग खुले रहेंगे।
हालात को देखते हुए संभागीय आयुक्त ने मालपुरा और टोडा रायसिंह उपखंड में दो दिन तक इंटरनेट बंद रखा। बड़े स्तर पर पुलिस की तैनाती की गई। कांवड़ बिसलपुर से भरी जाती हैं और टोडा होते हुए मालपुरा पहुंचती है। किसी भी रूप में कांवड़ यात्रा न निकले, इसलिए प्रशासन ने तीनों ही स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया था। पुलिस के करीब 600 वाहन और हजारों की संख्या में आरएसी, एसटीएफ, होमगार्ड और पुलिस के जवान मालपुरा में तैनात रहे। स्थानीय निवासियों के अनुसार एक माह से पुलिस इस क्षेत्र के गांव- गांव में जाकर कांवड़ यात्रा में शामिल नहीं होने के लिए दबाव बनाती रही थी। जबकि जितनी मशक्कत प्रशासन ने नया मार्ग बनाने व पुलिस तैनात करने में की थी, उससे कम पुलिस बल मुस्लिम बहुल क्षेत्र में तैनात हो जाता तो कांवड़ यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकल सकती थी। इस मामले में कांग्रेस सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बयान दिया कि भाजपा कांवड़ यात्राओं के जरिए दंगे फैलाना चाहती है। वे कहते हैं कि संकरे रास्तों से कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चौड़े रास्तों से निकालने पर कोई आपत्ति नहीं है। प्रश्न है कि नौ अगस्त को मुहर्रम के ताजिए भी तंग गलियों से निकल जाएंगे। क्या सरकार उन पर भी रोक लगाने का साहस कर पाएगी?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पहला ट्वीट
‘फलोदी, जोधपुर के बेंदती कला गांव के तालाब में डूबने से दो युवकों श्री रहमतुल्लाह एवं श्री अकरम की मृत्यु दुखद है। मैं ईश्वर से मृतकों की आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिवारों को हिम्मत देने की कामना करता हूं। मृतकों के परिजनों को चिंरजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दूसरा ट्वीट
‘श्रीगंगानगर में रामसिंहपुर क्षेत्र के उदासर गांव में खेत में पानी की डिग्गी में डूबने से पांच बच्चों की मृत्यु का समाचार बेहद दुखद है। मेरी गहरी संवेदनाएं बच्चों के माता-पिता एवं परिजनों के साथ हैं, ईश्वर उन्हें इस अत्यंत कठिन समय में सम्बल प्रदान करें।‘
उसी दिन एक अन्य दुखद दुर्घटना जोधपुर जिले के फलोदी स्थित बेंगटी कला गांव में हुई। यहां तालाब किनारे सेल्फी लेते समय दो युवक तालाब में गिर गए। इस हादसे में 21 वर्षीय रहमतुल्लाह और 20 वर्षीय अकरम की मौत हो गई। इस पर मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर अपनी संवेदना व्यक्त की। अपने संवेदना संदेश में मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ उनके नामों का उल्लेख किया, बल्कि आदर स्वरूप उनके नामों के आगे ‘श्री’ लिखा और उनके परिजनों के लिए पांच लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा भी की। यानी संवेदना प्रकट करने और मुआवजा घोषित करने तक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भेदभाव कर गए और यह बता गए कि भले ही हिन्दू समाज का एक परिवार अपने पांच मासूम बच्चों को खो बैठा हो, लेकिन एक मुस्लिम परिवार उनके लिए कहीं अधिक मायने रखता है।
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