शिवसेना सांसद तथा शिवसेना के मुखपत्र दैनिक सामना के संपादक संजय राउत को हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिरासत में ले लिया। लगभग 15 वर्षों से चल रहे पत्रा चाल घोटाले के मामले में यह कार्रवाई की गई है। पत्रा चाल मामले में लगभग हजार करोड़ रुपयों का घोटाला हुआ है। भाजपा नेता पूर्व सांसद किरीट सोमैया इस मामले को लगातार उठा रहे थे।
जब मराठी मानुस के नाम पर राजनीति करने वाले लोग ही मराठी मानुस का दमन करने वाले निकलें, तब राजनीति के क्षेत्र में एक भूचाल की अनुभूति होती है। शिवसेना सांसद तथा शिवसेना के मुखपत्र दैनिक सामना के संपादक संजय राउत को हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिरासत में ले लिया। लगभग 15 वर्षों से चल रहे पत्रा चाल घोटाले के मामले में यह कार्रवाई की गई है। पत्रा चाल मामले में लगभग हजार करोड़ रुपयों का घोटाला हुआ है। भाजपा नेता पूर्व सांसद किरीट सोमैया इस मामले को लगातार उठा रहे थे।
पत्रा चाल घोटाला
मुम्बई के गोरेगांव इलाके में स्थित पत्रा चाल नामक एक चाल में लगभग 672 निम्न मध्यमवर्गीय परिवार रहते थे। ये सभी लोग मराठी थे। 2007 में मुम्बई क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) द्वाराइस पत्रा चाल के पुनर्विकास की योजना बनाई गई। पुनर्विकास का यह काम संजय राउत के बेहद करीबी प्रवीण राउत की कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया गया। यह कंपनी एक दूसरी बड़ी आवास निर्माण कंपनी एचडीआईएल की अनुदानित इकाई के रूप में काम करती है। एचडीआईएल कंपनी पीएमसी बैंक घोटाले में शामिल है।
प्रवीण राउत की इस गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पत्रा चाल के निवासियों के सोसाइटी तथा म्हाडा के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता किया, जिसके परिणामस्वरूप पत्रा चाल के मूल निवासियों को इस स्थान पर बनने वाली नई इमारतों में बड़े मकान मिलने थे। निर्माण की कालावधि में इन निवासियों को दूसरी जगह पर रहने के लिए घर भाड़े की रकम भी मिलनी थी। लेकिन जैसे ही यह जगह पत्रा चाल निवासियों ने खाली की और जैसे ही गुरु आशीष कंपनी के कब्जे में यह जगह आई, कंपनी ने निवासियों को घर भाड़ा देना बंद कर दिया। कुछ महीनों की प्रतीक्षा के बाद पत्रा चाल निवासियों ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इधर गुरु आशीष कंपनी ने निर्माण रोक दिया। अब पत्रा चाल निवासियों पर दोनों ओर से मार पड़ी। इमारतों का निर्माण भी बंद पड़ा और घर भाड़ा न मिलने के कारण आर्थिक बोझ बढ़ गया।
इन सब पर और एक और कहर ढाते हुए राउत की गुरु आशीष कंपनी ने इस जमीन का हिस्सा तथा एफएसआई (चटाई क्षेत्र सूचकांक) अन्य बिल्डरों को बेच दिया जिससे कंपनी ने 901 करोड़ रुपये कमाए। लेकिन पत्रा चाल की इमारतों का निर्माण रोक दिया। ऊपर से यहां निर्मित होने वाली इमारतों के फ्लैट की अग्रिम बिक्री कर 138 करोड़ रुपये अलग से कमाए। लेकिन इमारतें न बनने से ये सभी लोग भी ठगे गए हैं, जिसमें ज्यादातर मराठी मध्यमवर्ग के लोग हैं।
कुछ वर्ष पहले संजय राउत के एक करीबी तथा व्यवसाय में घनिष्ठ रहे सुजीत पाटकर की तलाकशुदा पत्नी स्वप्ना पाटकर ने एक शिकायत पुलिस तथा ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के पास दर्ज कराई जिसमें इस घोटाले में संजय राउत का हाथ होने की आशंका जताई गई। भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया जो स्वयं एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, ने इस मामले का अध्ययन कर संजय के इस घोटाले के साथ जुड़े होने की पुष्टि की।
राउत ने किए 55 लाख वापस
जैसे ही किरीट सोमैया ने संजय राउत के इस घोटाले में शामिल होने की बात की, वैसे ही उनकी बीमारी बढ़ने लगी। किरीट सोमैया ने पिछले वर्ष ही बैंक के मनी ट्रेल, घोटाले से जुड़े कागजात, कंपनियों की बैलेंस शीट तथा राउत परिवार के आयकर विवरण पत्र के विश्लेषण के आधार पर यह स्पष्ट कर दिया था कि प्रवीण राउत की कंपनी गुरु आशीष से संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के बैंक अकाउंट में जो 55 लाख की रकम अदा हुई है, उसका उल्लेख न तो आयकर विवरणी में है, न ही संजय राउत के चुनाव प्रतिज्ञापत्र में।
यह सीधे-सीधे पत्रा चाल के घोटाले से तथा पीएमसी बैंक घोटाले से जुड़ी रकम है। सोमैया के इस आरोप के बाद संजय राउत ने मीडिया को तुरंत हड़बड़ी में यह स्पष्टीकरण दे दिया कि यह रकम एक ऋण था जो वे वापस करना भूल गए थे। दूसरे ही दिन संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय के पास वह रकम जमा कर दी। उन्हें लगा कि इससे प्रवर्तन निदेशालय के चंगुल से छूट जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रवर्तन निदेशालय अब इस मामले में बहुत गहराई तक जा चुका था। उसने साफ कर दिया कि बैंक घोटाले के साथ पत्रा चाल घोटाला मामले में भी राउत को उत्तर देने होंगे। दूसरी बात साफ थी कि संजय राउत के पास आय से अधिक संपत्ति तथा अनाकलनीय रोकड़ रकम के लेनदेन के मामले में कोई उत्तर नहीं था।
13 बंगले, 9 फ्लैट
इधर प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग के सर्वेक्षण में सामने आया कि राउत ने मुम्बई से सटे अलीबाग में बहुत बड़ी मात्रा में जमीन खरीद ली है तथा उस पर 13 बंगलों का निर्माण कराया है। पहले तो संजय राउत ने कहा कि वे बंगले अपने नहीं हैं। लेकिन प्रवर्तन निदेशालय के कड़े तेवर देखने के बाद वे यह कहने लगे कि वहां कुछ बंगले वगैरह हैं ही नहीं। किरीट सोमैया ने राउत के इस दावे की धज्जियां उड़ा दीं।
कुछ महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय ने राउत के दादर स्थित दो फ्लैट जब्त कर लिए। निदेशालय का मानना है कि पीएमसी बैंक तथा पत्रा चाल घोटाले के पैसे के हिस्से को ये फ्लैट खरीदने में लगाया गया है। फरवरी में गुरु आशीष कंपनी के निदेशक प्रवीण राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने हिरासत में ले लिया। प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी राउत ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के बैंक खाते में 2010 में 83 लाख रुपये जमा कराए थे, जिससे दादर स्थित ये दो फ्लैट खरीदे गए थे। राउत खुद मुम्बई के भांडुप इलाके में एक आलीशान बंगले में रहते हैं।
एकनाथ शिंदे के साथ जुड़ने वाले शिवसेना विधायकों तथा सांसदों ने भी संजय राउत की गिरफ्तारी पर खुशी जताई है। इन सब विधायकों ने लंबे समय से संजय राउत के अनर्गल बोलने तथा मोदी विरोध पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। विधायकों एवं सांसदों की इच्छा और जनता की इच्छा के विरुद्ध शिवसेना को शरद पवार तथा कांग्रेस के गले में बांधने का इन सभी विधायकों ने विरोध किया था। ऐसा दिख रहा है कि संजय राउत के विरुद्ध और भी कई सारे मामले अब निकल आएंगे।
अब प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत की गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी उनसे पूछताछ कर प्राप्त कर ली है कि उन्होंने केवल 3 करोड़ में मुम्बई में करीब 9 फ्लैट खरीदे हैं। जबकि मुम्बई में एक वन बीएचके फ्लैट की कीमत कम से कम 2 करोड़ रुपये है। इसका मतलब इन सभी फ्लैट की खरीदारी मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये की गई है। प्रवर्तन निदेशालय को आठ अन्य फ्लैट भी मिले हैं जो संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत तथा संजय के करीबी सुजीत पाटकर की तलाकशुदा पत्नी स्वप्ना पाटकर के संयुक्त नाम पर हैं।
बालासाहब के ड्राइवर ने बांटे पेंड़े
संजय राउत की गिरफ्तारी से खुश होकर बालासाहब ठाकरे के पूर्व वाहन चालक तथा शिवसेना कार्यकर्ता प्रकाश राजपूत ने धुले से दिल्ली आ कर सांसदों में पेंड़े बांटकर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय बालासाहब की शिवसेना को हिंदुत्व से तोड़कर डुबोने के लिए संजय राउत जिम्मेदार हैं।
यहां एकनाथ शिंदे के साथ जुड़ने वाले शिवसेना विधायकों तथा सांसदों ने भी संजय राउत की गिरफ्तारी पर खुशी जताई है। इन सब विधायकों ने लंबे समय से संजय राउत के अनर्गल बोलने तथा मोदी विरोध पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। विधायकों एवं सांसदों की इच्छा और जनता की इच्छा के विरुद्ध शिवसेना को शरद पवार तथा कांग्रेस के गले में बांधने का इन सभी विधायकों ने विरोध किया था।
ऐसा दिख रहा है कि संजय राउत के विरुद्ध और भी कई सारे मामले अब निकल आएंगे।
राउत की गिरफ्तारी के एक दिन पहले ही उनके द्वारा स्वप्ना पाटकर को की गई एक फोन कॉल टीवी चैनलों के हाथ लग गई, जिसमें वे स्वप्ना पाटकर को अत्यंत गंदी गालियां दे रहे हैं। उसी कॉल के अंत में वे स्वप्ना जी को धमकी देते हुए सुनाई देते हैं कि वे चुपचाप अपनी जमीन संजय राउत या सुजीत पाटकर के नाम पर कर दे। बता दें कि सुजीत पाटकर, संजय राउत के अनेक व्यवसायों में साझेदार रहे हैं, तथा स्वप्ना पाटकर सुजीत की तलाकशुदा पत्नी हैं।
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा है कि संजय राउत प्रकरण में और कई सारे विस्फोटक खुलासे होने बाकी हैं, जो प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ से बाहर आ सकते हैं।
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