अविश्वास से उपजा संवैधानिक संकट
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

अविश्वास से उपजा संवैधानिक संकट

छत्तीसगढ़ में पंचायती राज मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने मुख्यमंत्री बघेल पर 8 लाख गरीबों के घर छीनने और जनता से किए गए तमाम वादों पर उनकी सरकार के खरे न उतरने का आरोप लगाते हुए पंचायती राज विभाग से त्यागपत्र दे दिया है। इससे मुख्य विपक्षी दल भाजपा को सरकार को घेरने और मुद्दों को जनता के बीच ले जाने का मौका मिला

by पंकज झा
Aug 6, 2022, 06:04 pm IST
in विश्लेषण, छत्तीसगढ़
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए गरीबों के आवास हड़प लेने का आरोप लगा था। इस सन्दर्भ में उन पर मुकदमा दर्ज होगा ही। संयोग ही है कि सत्ता में आने के बाद भी बघेल पर लगे सबसे बड़े आरोपों में से एक यही है कि उन्होंने गरीबों को आवासहीन कर दिया, उनके सिर से छत छीन ली। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए तो आरोप कुछ गरीबों के महज कुछेक मकानों का निजी हित में उपयोग करने मात्र के थे लेकिन सत्ता संभालने के बाद यह आंकड़ा काफी बड़ा हो गया है। अब आरोप कोई दस-पांच मकानों का नहीं, बल्कि 8 लाख परिवारों को घर से वंचित कर देने का है। महत्वपूर्ण बात यह कि ऐसा आरोप इस बार विपक्ष नहीं, बल्कि संबंधित विभाग के मंत्री ने ही लगाया है।

प्रदेश की सरकार में नंबर दो की हैसियत वाले कैबिनेट मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्वयं को पंचायत विभाग के मंत्री के दायित्व से अलग कर लेने की बात कही। कारण यही बताया कि शासन ने केवल दुराग्रह के कारण प्रदेश के गरीबों को 8 लाख आवास नहीं मिलने दिए। कांग्रेस सरकार द्वारा लाख दबाने की कोशिशों के बावजूद यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई। सिंहदेव का लिखा पत्र काफी तेजी से वायरल हो गया।

इस पत्र में आवास छीने जाने की बात तो थी ही, इसके अलावा संविदा कर्मियों को वादे के बावजूद नौकरी नहीं देने समेत विगत चुनाव के समय प्रदेश की जनता के साथ किए गए तमाम वादों को पूरा नहीं करने को लेकर विस्तार से बात की गई थी। टी.एस. सिंहदेव स्वयं कांग्रेस के कथित ‘जनघोषणा पत्र’ के संयोजक थे और उन्होंने बड़ी मेहनत से यह घोषणापत्र तैयार किया था, अत: खुद उनके द्वारा यह अफसोस जताना कि वे जनता से किए वादों पर खरे नहीं उतर पाए, अत्यधिक महत्त्व रखता है।

डॉ. रमन सिंह कहते हैं – ‘भाजपा लगातार दो-ढाई साल से बघेल द्वारा गरीबों को आवास से वंचित किए जाने की बात उठाती रही है। हालांकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले इन आवासों की संख्या 8 लाख नहीं बल्कि 16 लाख है जिससे छत्तीसगढ़ियों वंचित कर दिया गया है, लेकिन अगर सिंहदेव के आंकड़े को ही मानें तो अब साबित हो गया कि सीएम बघेल ने राजनीतिक दुराग्रह के कारण ही प्रदेश की जनता से ऐसा विश्वासघात किया है।’

जाहिर है, इससे प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल भाजपा को एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह कहते हैं- ‘भाजपा लगातार दो-ढाई साल से बघेल द्वारा गरीबों को आवास से वंचित किए जाने की बात उठाती रही है। हालांकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले इस आवासों की संख्या 8 लाख नहीं बल्कि 16 लाख है जिससे छत्तीसगढ़ियों को वंचित कर दिया गया है। लेकिन अगर सिंहदेव के आंकड़े को ही मानें तो अब यह साबित हो गया है कि सीएम बघेल ने राजनीतिक दुराग्रह के कारण प्रदेश की जनता पर ऐसा कुठाराघात किया है।’

जनता से छल
वस्तुत: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना प्रधानमंत्री मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसके तहत स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ अर्थात अमृत महोत्सव तक हर गरीब को पक्के मकान बना कर देने का प्रावधान है। इस योजना के तहत केंद्र से राशि दी जाती है, साथ ही कुछ अंश राज्यों को भी देना होता है। उसी अंश को देने में राजनीतिक दुर्भावनावश हाथ खड़े कर मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश के गरीबों को आवास जैसी मूलभूत आवश्यकता से वंचित कर दिया है। विभागीय मंत्री सिंहदेव ने अपने पत्र में विस्तार से इसका जिक्र किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इससे पहले खुद यह बयान दिया था कि कि चूंकि आवास योजना में ‘पीएम’ शब्द जुड़ा है, इसलिए वे इस योजना में राज्यांश नहीं देंगे।

 

‘भाजपा लगातार दो-ढाई साल से बघेल द्वारा गरीबों को आवास से वंचित किए जाने की बात उठाती रही है। हालांकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले इन आवासों की संख्या 8 लाख नहीं बल्कि 16 लाख है जिससे छत्तीसगढ़ियों वंचित कर दिया गया है, लेकिन अगर सिंहदेव के आंकड़े को ही मानें तो अब साबित हो गया कि सीएम बघेल ने राजनीतिक दुराग्रह के कारण ही प्रदेश की जनता से ऐसा विश्वासघात किया है।’ -डॉ. रमन सिंह

दिक्कत यह है कि सरकार इस मामले में फंड की कमी का बहाना भी नहीं बना सकती। विधानसभा के इसी मानसून सत्र में शासन ने मुख्यमंत्री से लेकर विधायकों तक के वेतन में भारी बढ़ोतरी कर ली है। इससे पहले बघेल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर तक में करोड़ों का मुआवजा बांट आए, सरकार की सारी ताकत उन्होंने देशभर में कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ने में लगाई है, ऐसे में केवल गरीबों के छत के लिए ही पैसे नहीं होने का बहाना किसी के गले नहीं उतरेगा।

प्रश्न संवैधानिक शिष्टता और मर्यादा का
सवाल केवल राजनीतिक दुराग्रह मात्र का नहीं, बल्कि संवैधानिक शिष्टता और मर्यादा का भी है। सिंहदेव ने अपने पत्र में बड़ी भावुकता के साथ मंत्रियों के अपमान का वर्णन किया है जिसमें तमाम संसदीय परम्परा को दरकिनार कर निर्णय लेने के मामले में नौकरशाही यानी मुख्य सचिव को मंत्रियों पर तरजीह दी गई है। कैबिनेट मंत्री को किसी भी फैसले के लिए अधिकृत तौर पर मुख्य सचिव की अनुमति चाहिए होती है। ऐसी अपमानजनक स्थिति शायद स्वतन्त्रता के बाद किसी भी सरकार में जनप्रतिनिधि और शपथ लिये मंत्रियों की नहीं हुई होगी। इससे पहले कोरोना काल में भी सभी जरूरी फैसले लेने के लिए नौकरशाही को ही अधिकृत किया गया था। सिंहदेव या कोई भी मंत्री बिना मुख्य सचिव की इच्छा के आॅनलाइन बैठक तक नहीं कर सकते थे।

इसके बाद ऐसे-ऐसे तुगलकी फैसले लिये गए जिसमें ‘टीके में जातिगत आरक्षण’, टीका प्रमाणपत्र पर सीएम बघेल की फोटो, कोविन की तर्ज पर अपना पोर्टल जैसी बात भी शामिल थी। इसके तमाम दुष्परिणाम होते रहे, लोगों की जान जाती रही, टीकों के लिए अफरातफरी का माहौल रहा, स्वास्थ्य मंत्री नाराज होकर वैश्विक महामारी में अपना प्रदेश छोड़ मुंबई में बैठे रहे, कोरोना की लहर विकराल होती रही, लेकिन सीएम बघेल की मनमानी चलती रही। अपनी सनक में बुरी तरह विफल होने के बाद अपने तुगलकी फैसलों को वापस भी लिया सरकार ने लेकिन तब तक छत्तीसगढ़ में कोरोना बेकाबू तो हो ही गया था। मुख्यमंत्री इसी ‘सफलता’ पर खुश थे कि ठीकरा तो उनके प्रतिद्वंद्वी सिंहदेव पर फूटना है क्योंकि ऐसे सभी संबंधित विभाग उन्हीं के पास थे।

ढाई-ढाई वर्ष का विवाद
छत्तीसगढ़ में सभी जानते हैं, दोनों कांग्रेस नेताओं की इस आपसी कलह का मूल कारण उस समझौते में निहित है जिसमें कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं के लिए मुख्यमंत्री के रूप में ढाई-ढाई वर्ष का कार्यकाल तय किया था। समय पूरा होने पर बघेल ने कुर्सी वापस नहीं की और सिंहदेव द्वारा आलाकमान से बार-बार आग्रह किए जाने पर ही उपरोक्त सभी कुचक्र रचे गए। हालांकि वर्षों तक की उपेक्षा और अपमान के बाद अन्तत: मंत्री सिंहदेव के धैर्य का गुब्बारा फूटा भी, फिर भी वे ‘हाफ इस्तीफा’ तक ही देने का साहस जुटा पाए। शायद ऐसा दिलचस्प वाकया पहली बार हुआ हो जब किसी मंत्री ने एक विभाग से इस्तीफा दिया हो और दूसरे पर वह काबिज हो। विभाग आवंटन जाहिर है, मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।

सरगुजा रियासत के पूर्व महाराजा टी.एस. जो बाबा के नाम से जाने जाते हैं, अभी भी मुख्यमंत्री बनाए जाने की उम्मीद को लेकर प्रयासरत हैं। उनका पंचायत विभाग अन्य मंत्री को दे दिया गया है। सदन का मानसून सत्र चल रहा है, लेकिन ‘सीएम इन वेटिंग’ सिंहदेव अभी भी आलाकमान से मुलाकात की प्रतीक्षा में दिल्ली में हैं। चूंकि खुद कैबिनेट मंत्री का ही विश्वास सरकार से हट गया है, अत: मुख्य विपक्षी भाजपा सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाई है जिस पर चर्चा चल रही है। संख्या बल फिलहाल निस्संदेह कांग्रेस के भूपेश गुट के पक्ष में है लेकिन इन तमाम प्रकरण के बहाने भाजपा मुद्दों को जनता की अदालत में लेकर जाने में सफल होती दिख रही है। सीएम-मंत्री प्रकरण और यह कार्यकाल विधायी इतिहास में एक बुरे उदाहरण के रूप में तो दर्ज हो ही गया है।

Topics: प्रधानमंत्री आवास योजना वाराणसीसंवैधानिक संकटसरगुजा रियासत के पूर्व महाराजा टी.एस. जो बाबाThe former Maharaja of the princely state of SurgujaT.S. Joe Baba
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भूपेंद्र सिंह चौधरी

‘हर वर्ग के लोग भाजपा को कर रहे वोट’ -भूपेंद्र सिंह चौधरी

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 8,46,931 आवासों की स्वीकृति मिली

प्रधानमंत्री आवास योजना : छत्तीसगढ़ को मिली 8,46,931 आवासों की स्वीकृति

Uttarakhand PM Awas yojna to muslim through SC quota

उत्तराखंड: 2016 में कांग्रेस ने SC कोटे का हक मारकर मुस्लिमों को दिया PM आवास योजना का लाभ, CM धामी ने दिए जांच के आदेश

Sam pitroda Rahul gandhi

राहुल गांधी और ‘अंकल सैम’ : नक्सली कनस्तर पर अमरीकी मुलम्मा

पीएम मोदी की गुजरात को सौगात, 2993 करोड़ की लागत से निर्मित 1,31,454 आवास का किया ई-लोकार्पण

खुला खुशहाली का झरोखा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

उत्तराखंड : सीमा पर पहुंचे सीएम धामी, कहा- हमारी सीमाएं अभेद हैं, दुश्मन को करारा जवाब मिला

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies