पाकिस्तान आर्थिक रूप से लगातार गर्त में जा रहा है। दुनिया के तमाम देशों, यहां तक कि उसके ‘इस्लामी ब्रदरहुड’ वाले देशों तक ने उसकी झोली में एक कौड़ी तक डालने से मना कर दिया है। डूबती नाव को तिनके के सहारे के तौर पर उसने कई बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ तक के हाथ—पैर जोड़े पर राहत की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है।
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग रीत गया है, जिसकी पुष्टि वहां के पूर्व मंत्री कर चुके हैं। किसी भी दिन उसका विदेश से चीजें मंगाना मुश्किल होने वाला है। ऐसे में उस आईएमएफ ने एक बार फिर पाकिस्तान सरकार को कर्जे के लिए लगभग झिड़कते हुए ऐसी शर्त जड़ दी है जो किसी भी देश के दुनियाभर में अपमान के लिए काफी है।
आईएमएफ ने कल अपनी एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद पाकिस्तान के घटते विदेशी मुद्रा भंडार पर ‘रहम’ खाकर एक अहम घोषणा की है। उसने इस्लामी देश को इस शर्त पर 1.2 बिलियन अमेरिकी डालर का कर्जा देना स्वीकार किया है कि पाकिस्तान अपने लगातार बढ़ते वित्तीय अंतर को दूर करने के लिए अपने ‘दोस्त’ देशों से समय रहते आश्वासन प्राप्त कर ले।
अगर पाकिस्तान ऐसा कर पाया तभी आईएमएफ उसे 1.2 बिलियन अमेरिकी डालर का कर्जा दे सकेगा। लेकिन मुश्किल यह है कि पाकिस्तान के ‘दोस्तों’ और ‘आकाओं’ तक ने उससे फिलहाल पल्ला झाड़ा हुआ है, ऐसे में पड़ोसी इस्लामी देश को कौन आश्वासन देगा!
खबर है कि पिछले दिनों पाकिस्तान सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा को मनाया गया था कि वे अमेरिकी अधिकारियों से बात करें और आईएमएफ से पैसा जल्दी दिलाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें।
पाकिस्तान के मशहूर अंग्रेजी दैनिक एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने रिपोर्ट छापी है कि आईएमएफ की ये घोषणा पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय तथा स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के उस दावे के बाद की गई है जिसमें उनका कहना था कि उन्होंने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए वित्त पोषण की जरूरतें पूरी कर ली हैं।
आईएमएफ के प्रतिनिधि एस्थर पेरेज ने एक बयान जारी करके कहा है कि 31 जुलाई 2022 को पेट्रोलियम डेवलपमेंट लेवी में बढ़ोतरी के साथ ही 7वीं तथा 8वीं समीक्षा के लिए आखिरी पूर्व कार्रवाई संपन्न्प हो गई है। पेरेज का कहना है कि पर्याप्त वित्तीय आश्वासन के बाद ही आईएमएफ बोर्ड की बैठक इस महीने के अंत में हो सकती है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट बताती है कि कर्जे पर बात हो गई तो ये शुरुआती 2 अरब अमेरिकी डालर के मुकाबले सिर्फ 1.2 अरब डालर मिलने का रास्ता साफ करेगी।
अभी जुलाई में ही पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा था कि 35 अरब अमेरिकी डालर से ज्यादा की वित्तपोषण जरूरतों के मुकाबले वित्तीय अंतर 4 अरब अमेरिकी डालर था। इस्माइल ने तेल और गैस के रुके हुए भुगतानों को लेकर सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात तथा कतर से पैसे का इंतजाम करने के बारे में भी बताया था।
आईएमएफ की 24 अगस्त को बोर्ड बैठक होनी है, लेकिन फिलहाल इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस संस्था की उक्त शर्त के अलावा, पाकिस्तान को आईएमएफ को गारंटी के तौर पर तीन ऐसे लेनदारों को यह भरोसा दिलाना होगा कि वे वित्त पोषण में 4 अरब अमेरिकी डालर कम करने को तैयार हैं।
टिप्पणियाँ