आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने लोकसभा में कहा कि भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए। दुनिया के 16 देशों में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा को यूनेस्को ने भी मॉरीशस के अनुरोध पर अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है। बहुत समय बीत गया मगर अभी तक भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जा सका है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भोजपुरी को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक पहल की है और उम्मीद है कि इस भाषा को संवैधानिक दर्जा देने के संबंध में भी निर्णय लिया जाएगा।
भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा, ‘अब, हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हैं, जो असंभव को भी संभव बनाने के लिए जाने जाते हैं। मुझे विश्वास है कि सरकार भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कदम उठाएगी। अपनी भाषा का सम्मान हर कोई करता है। भारत सरकार की ओर से स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। भोजपुरी भाषा के अधिकार की लड़ाई वर्ष 1967 से चल रही है। अब भोजपुरी भाषा को उसका सम्मान मिलना चाहिए।
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