गत 6 जुलाई को कोलकाता में कवि बनेचन्द मालू की सद्य: प्रकाशित काव्य-पुस्तक ‘चिंतन प्रवाह -3’ का लोकार्पण हुआ। लोकार्पणकर्ता थे मूर्धन्य विद्वान तथा साहित्य भूषण डॉ. शिव ओम अंबर।
उन्होंने कहा कि सरल भाषा में लेखन, समाज की समस्याओं को उजागर करना, समाधान प्रदान करना, शोषण विहीन समाज की स्थापना में चिंतन देना, संस्कार निर्माण की दिशा में बोध देते रहना, आशा, विश्वास और आत्मविश्वास जाग्रत करने वाली मालू जी की लेखनी अनुभवों का निचोड़ है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रेम शंकर त्रिपाठी ने कहा कि किसी कवि के इतने नित्य पाठकों का होना और ऐसे पाठक जो नित्य उनकी रचना का इंतजार करते हैं, यह अपने आप में अद्भुत है। मुख्य वक्ता थीं डॉ. तारा दूगड़। लोकार्पण के
पश्चात् आगन्तुक कवि मेहमानों द्वारा अनौपचारिक काव्य पाठ का क्रम भी चला।
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