पूर्वी अफ्रीका के देश मेडागास्कर के हिन्दू समुुदाय के गत 26 जुलाई को एक अनूठा जोश देखने में आया। वहां एक दिव्य, भव्य मंदिर के उद्घाटन का समारोह जो था। राजधानी एंटानानैरिवो में यह पहला हिन्दू मंदिर अपनी गौरवपूर्ण आभा के साथ खुला है।
इस अवसर पर हुए समारोह में मेडागास्कर तथा कोमरोस में भारत के राजदूत अभय कुमार खुद उपस्थित थे। समारोह में स्थानीय हिन्दू परिवारों ने बढ़—चढ़कर भाग लिया और प्रसाद का आनंद भी।
पूर्वी अफ्रीका में हिन्द महासागर में स्थित है यह 2.60 करोड़ की आबादी वाला एक बड़ा द्वीपीय देश मेडागास्कर। इसकी राजधानी एंटानानैरिवो में उद्घाटित इस भव्य हिन्दू मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं के सुंदर दर्शन हैं जिनकी इस अवसर पर प्राण-प्रतिष्ठा हुई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने इस कार्यक्रम के साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया। गाजे-बाजे के साथ भजन-कीर्तन हुए तथा दिव्य आरती ने समां बांधा।
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भारत के राजदूत अभय कुमार की उपस्थिति श्रद्धालुओं में एक जोश सा जगा रही थी जिन्होंने पूरे भाव के साथ मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। श्रद्धालुओं का कहना था कि राजधानी एंटानानैरिवो का यह पहला हिन्दू मंदिर नि:संदेह यहां के हिन्दू निवासियों के मिलन और उत्सवों को एकजुट होकर मनाने का एक बड़ा केन्द्र बनेगा। यहां का हिन्दू समाज एक लंबे वक्त से इसके खुलने का इंतजार कर रहा था, क्योंकि पिछले काफी वक्त से इस मंदिर का निर्माण जारी था।
स्थानीय हिन्दू समुदाय के अध्यक्ष संजीव हेमतलाल एक अलग ही उत्साह में पगे हुए थे। उन्होंने कहा कि इस भव्य मंदिर का उद्घाटन होना मेडागास्कर के हिन्दू समाज के लिए बहुत गर्व और गौरव की बात है।उल्लेखनीय है कि पूर्वी अफ्रीकी देश मेडागास्कर में इस वक्त 20 हजार से ज्यादा भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं। इनमें भी ज्यादातर गुजरात से हैं और हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं। वे तो खासे उत्साहित हैं क्योंकि इस मंदिर के उद्घाटन के साथ ही एक अरसे बाद उनकी मुराद पूरी हुई है। उन्हें पहली बार यहां एक भव्य मंदिर मिला है। वैसे देश में अन्य छोटे मंदिर तो हैं, लेकिन एक बड़ा मंदिर यही बना है।
इस मंदिर के एक बड़े कक्ष का उद्घाटन हालांकि साल 2020 में नवरात्री उत्सव के अवसर पर किया गया था। बता दें कि 18वीं सदी के अंत में भारतीय प्रवासी पहली बार मेडागास्कर के तट पर उतरे थे। उनमें अधिकांश गुजराती थे। उसके बाद से वहां लगातार भारतीय बसते गए। उनका ज्यादातर योगदान व्यापार जगत में रहा है। हिन्द महासागर के माध्यम से चल रही व्यापार व्यवस्था में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत और मेडागास्कर के बीच व्यापार और वाणिज्य में उनका काफी दखल है और उसे बढ़ाने में उनका सहयोग उल्लेखनीय है। 2020—2021 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 40 करोड़ डॉलर यानी लगभग 3192 करोड़ रुपए का आंका गया था।
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