भारत के जिस भी भाग में मुसलमानों की संख्या अधिक होती है, वहां शरिया कानून चलाने और जुम्मे को साप्ताहिक अवकाश कराने का प्रयास होने लगता है। दुर्भाग्य से इसमें कुछ सरकारी अधिकारियों और नेताओं का सहयोग रहता है।
एक ऐसा ही मामला बिहार के पूर्णिया प्रमंडल में देखने को मिल रहा है। बता दें कि इस प्रमंडल में चार जिले हैं—पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज। इन जिलों के 500 से अधिक सरकारी विद्यालयों में साप्ताहिक अवकाश रविवार को नहीं, बल्कि शुक्रवार यानी जुम्मे के दिन होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि मुसलमान छात्र और शिक्षक जुम्मे की नमाज अता कर सकें। ऐसा करना कानूनन अपराध है। इसके बावजूद ऐसे विद्यालयों की संख्या बढ़ती जा रही है। शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारी स्वीकार करते हैं कि यह निर्णय स्थानीय और प्रभावशाली नेताओं के कहने पर लिया गया है।
500 विद्यालयों में से सबसे ज्यादा अररिया जिले के जोकिहाट प्रखंड के विद्यालय हैं। यहां कुल 244 सरकारी विद्यालय हैं। इनमें से 229 में शुक्रवार की छुट्टी होती है। इस बात की पुष्टि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिव नारायण सुमन ने भी की है। इस संबंध में अररिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार ने बताया कि जोकिहाट प्रखंड के लगभग सभी विद्यालयों में शुक्रवार को छुट्टी रहती है। हालांकि सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है। इसके बावजूद पिछले कई वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। कुछ शिक्षकों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि गत एक दशक से इस मामले में तेजी आई है। बता दें कि जोकिहाट बाहुबली नेता रहे मोहम्मद तस्लीमुद्दीन का कर्मक्षेत्र रहा है। अब वे इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने ही इस क्षेत्र में उल्टे—सीधे प्रावधान शुरू करवाए थे।
यही हाल पूर्णिया जिले के अमौर और बायसी प्रखंड का भी है। इन दोनों प्रखंडों के लगभग 200 विद्यालयों में रविवार के स्थान पर शुक्रवार को छुट्टी रहती है। यहां के शिक्षकों का कहना है कि कुछ तत्व जबर्दस्ती उन पर जुम्मे की छुट्टी के लिए दबाव डालते हैं। इन तत्वों के पीछे स्थानीय मुस्लिम नेता होते हैं। कुछ शिक्षकों ने ही बताया कि 2014 में जदयू नेता महमूद असरफ ने बायसी प्रखंड की मीनापुर पंचायत में जबर्दस्ती रविवार के स्थान पर शुक्रवार को छुट्टी करवाई थी। महमूद असरफ जदयू के टिकट पर किशनगंज से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।
वहीं कटिहार के 50 से अधिक और किशनगंज के 37 विद्यालयों में जुम्मे की छुट्टी रहती है।
इस मामले पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल रंजन का कहना है कि मुसलमानों के लिए शुक्रवार को छुट्टी होगी तो हिंदू भी मंगलवार के लिए अवकाश की मांग कर सकते हैं। इसलिए शुक्रवार को अवकाश बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
हालांकि जब यह मामला बहुत ही गर्म हो गया तब राज्य सरकार जगी। राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस मामले की जांच करने के आदेश दे दिए हैं, लेकिन लोगों का मानना है कि यह केवल खानापूर्ति है। दरअसल, इस क्षेत्र में वर्षों से जुम्मे का अवकाश हो रहा है, यह
सबको पता है। यह भी पता है कि इसके पीछे जदयू के मुस्लिम नेता ही हैं।
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