महेंद्र नगर। नेपाल और भारत की जिस तरह से खुली सीमा है, वैसे ही चीन और नेपाल की भी खुली सीमा है। लेकिन पिछले एक साल में चीन ने पहले हुमला जिले में नेपाल सीमा को तारबाड़ से सील किया। अब गोरखा जिले की दाश गज्जा सीमा को तारबाड़ करके सील कर दिया है।
नेपाल और चीन के बीच दो जिलों की सीमा सील होने के बाद से चीन ने नेपाल के नागरिकों की अपनी सीमा पर आवाजाही बंद कर दी गई है। जिसको लेकर नेपाल के लोगो में गुस्सा देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक दोनो जिलों में चीन ने नेपाल की भूमि पर अतिक्रमण करके तारबाड़ लगाई है। तारबाड़ के पीछे चीन की क्या मंशा है? इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है। पूर्व में हुमला जिले में अतिक्रमण करने की घटना का जायजा लेने नेपाल सरकार के अधिकारी और स्थानीय जन प्रतिनिधि वहां मौके पर गए थे तो चीनी सैनिकों ने उन्हें खदेड़ दिया था। वैसे ही हालात गोरखा जिले में दाशगज्जा सीमा क्षेत्र में हुए। यहां सीमा पर आर-पार जाने वाले नेपाली नागरिकों को तारबाड़ के पास फटकने नहीं दिया जा रहा है। कुछ दूरी पर चीन के सैनिकों ने अपना कैंप लगा दिया है। ये सैनिक यहां से क्या कार्य कर रहे हैं, ये किसी को खबर नहीं है।
नेपाल और चीन की 1414 किमी लंबी सीमा रेखा है, जिस पर अब पहले जैसे हालात नहीं हैं। दोनों देशों के बीच 1960 में सभी सीमा विवाद हल कर लिए जाने की बात कही जाती रही है। लेकिन पिछली चीन समर्थक नेपाल की ओली सरकार के दौरान ही हुमला जिले में चीन ने अतिक्रमण किया था और अब देउपा सरकार के दौरान दाशगज्जा सीमा पर तारबाड़ लगा कर चीन ने नेपाल के साथ अपनी सीमा पर फिर से छेड़छाड़ की है।
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