पाकिस्तान के सत्ता गलियारों में खलबली मची है। पूर्व गृहमंत्री के ताजा बयान ने इस्लामी देश की आर्थिक बदहाली की कलई खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा है कि देश को कोई आर्थिक तबाही से बचा सकता है तो बचा ले क्योंकि अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। पाकिस्तान में जारी राजनीतिक अस्थिरता देश को बदनामी के गर्त में धकेलने वाली है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में इमरान सरकार में गृहमंत्री रहे शेख रशीद ने कल खतरे की घंटी बजा दी और कहा कि देश आर्थिक तबाही की ओर है। रशीद ने कहा कि पाकिस्तान को बचाने के लिए बहुत कम वक्त बचा है।
दरअसल, रशीद ने कल ट्वीट में लिखा कि देश को आर्थिक विनाश से बचाने के लिए बहुत थोड़ा वक्त बचा है। राजनीतिक डावांडोल की स्थिति पाकिस्तान को डिफाल्ट देश बनाने जा रही है। पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट है कि पंजाब के विवादास्पद उपचुनावों में इमरान की पार्टी के जीतने के बाद देश में राजनीतिक उथल-पुथल का नया दौर शुरू हुआ है और उसके बीच रशीद की यह चेतावनी सामने आई है।
पाकिस्तान के पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री चुनाव को लेकर विपक्ष तथा उसके गठबंधन साथियों के बीच राजनीतिक रस्साकशी तेज हो चुकी है। हालांकि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के बेटे हमजा शाहबाज तकनीकी तौर पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने हुए हैं। पंजाब विधानसभा के उपाध्यक्ष ने बताया कि हमजा को 179 वोट मिले हैं जबकि चौधरी परवेज इलाही को 176 वोट। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट कहती है कि इलाही की अपील पर सर्वोच्च न्यायालय ने 23 जुलाई को आदेश दिया था कि हमजा शाहबाज 25 जुलाई यानी आज तक पंजाब के ‘ट्रस्टी’ मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
कल देश में मौजूदा सियासी हालात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रशीद ने कहा है कि हमें 30 अगस्त से पहले अहम फैसले लेने होंगे, नहीं तो यहां कोई भी सरकार काम नहीं कर पाएगी। अपने एक और ट्वीट में पूर्व गृहमंत्री ने सवाल उठाया था कि अटार्नी जनरल (अश्तर औसाफ अली) ने अहम कानूनी और संवैधानिक मामलों को छोड़ने की बजाय देश क्यों छोड़ दिया।
इतना ही नहीं, रशीद ने सत्तारूढ़ पीएमएल-एन पर अदालत के विरुद्ध अभियान चलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हमजा से ‘अपना सामान बांध लेने’ को भी कहा, क्योंकि उनकी सरकार की किस्मत का फैसला अब अदालत के फैसले पर टिका है। उन्होंने संकेत किया कि आम चुनाव इसी साल अक्तूबर या नवंबर के महीने में हो सकते हैं। उनका कहना है कि देश में सियासत एक ‘ताकतवर स्टेट’ के अंतर्गत ही संभव है। रशीद ने आगे कहा कि आज देश में कच्चा माल लेने तक के लिए डॉलर नहीं हैं। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खाली होता जा रहा है।
अपने तेजी से खत्म होते विदेशी मुद्रा भंडार और बढ़ते राजकोषीय तथा चालू खाते के घाटे के साथ-साथ ही पाकिस्तान में रुपये से भी जंग लड़ी जा रही है। जनवरी 2022 से अब तक पाकिस्तानी रुपया अपनी लगभग 20 प्रतिशत कीमत गंवा चुका है। स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान का कोष घटते—घटते 9.32 अरब अमेरिकी डालर हो गया है। डिफाल्ट देश घोषित होने से बचने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार 7.5 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का होना जरूरी है।
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