कैथोलिक चर्च के सर्वेसर्वा, वेटिकन की गद्दी के मौजूदा प्रभारी पोप फ्रांसिस कनाडा पहुंचे हैं। कल वे वहां अल्बर्टा स्टेट के एडमॉन्टन पहुंच गए। वेटिकन के प्रवक्ता के अनुसार, पोप गत 1 अप्रैल को वेटिकन आए कनाडा के तीन समुदायों के प्रतिनिधिमंडलों से माफी मांगी थी। पोप की वर्तमान कनाडा यात्रा 24 से 30 जुलाई तक की है। इस दौरान वे पीड़ितों तथा उनके परिवारों से माफी मांगेंगे।
कनाडा की पोप फ्रांसिस की यात्रा ‘प्रायश्चित यात्रा’ के तौर पर बताई जा रही है। कल कनाडा के एडमॉन्टन में प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो और गवर्नर जनरल मैरी मे साइमन ने पोप की अगवानी की। यही जगह है जहां पोप उन स्थानीय लोगों से माफी मांगेंगे, जिनके बच्चे कैथोलिक चर्च के आवासीय विद्यालयों में यौनशोषण सहित दूसरे कई अत्याचारों के शिकार हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि कनाडा के लिए रवाना होने से पहले 85 साल के पोप फ्रांसिस ने अपने दैनिक भाषण में कहा था कि वह अपना दुख और उनके साथ एकजुटता दर्शाने के लिए माफी मांग रहे हैं; इससे उनकी आत्मा को शांति मिलेगी। लेकिन दिलचस्प बात तो ये है कि पोप से मिलने वेटिकन गए तीनों समुदायों के प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट कहा है कि मौखिक माफी काफी नहीं है। लोग उन बच्चों के बारे में जानना चाहते हैं, जो चर्च के स्कूलों से लौटकी घर नहीं आए। उन्होंने मांग की कि उन्हें चर्च के अभिलेखागारों तक बेरोकटोक पहुंच दी जाए जिससे वे उस दौर की घटनाओं के तथ्य निकाल सकें और चर्च की अमानवीयता के शिकार हुए बच्चों की कथा सबको बता सकें।
बच्चों पर हुए अत्याचारों के लिए कनाडा की धरती पर आकर पोप द्वारा माफी मांगने की मांग उठने के बाद, साल 2015 में कनाडा के ‘ट्रुथ एंड रिकॉन्सिलेशन’ आयोग की तरफ से इन स्कूलों में 2000 से ज्यादा गुमनाम बच्चों की कब्रें खोजी जा चुकी हैं। 2021 के फरवरी माह में ब्रिटिश कोलंबिया के एक स्कूल से गुमनाम बच्चों की 200 सामूहिक कब्रें मिली थीं। चर्च के अभिलेखागार से प्राप्त दस्तावेजों से पता चलता है कि चर्च की अमानवीयता के शिकार होने वाले ये बच्चे कनाडा के तीन समुदायों से थे। जांच में उनके साथ हुए यौन शोषण और अत्याचारों के प्रमाण मिले हैं।
इधर ‘कन्फेडेरसी ऑफ ट्रीटी 6’ के जॉर्ज आर्केंड जूनियर का कहना है कि यह माफी हमारी पीड़ा की पुष्टि करेगी। इतना ही नहीं, यह चर्च के लिए दुनियाभर के मूल निवासियों के साथ रिश्ते सुधारने का मौका भी होगा। पोप पहले भी चर्च पादरियों के यौनाचार को लेकर माफी मांग चुके हैं। पिछले साल एक रिपोर्ट का दावा था कि चर्च के सैकड़ों पादरी छोटे बच्चों और किशोरों को अपने यौनाचार का शिकार बना चुके हैं। और यह तथ्य किसी और ने नहींं, चर्च द्वारा गठित एक कमेटी ने प्रस्तुत किया था।
कनाडा पहुंचे पोप ने आज सबसे पहले अल्बर्टा के मास्क्वासिस में चर्च के अत्याचारों के लिए माफी मांगी। अल्बर्टा के लुइस बुल फर्स्ट नेशन के प्रमुख डेसमंड बुल का कहना है कि बच्चों पर हुए अत्याचारों और संस्कृतियों को कुचलने के दुष्कृत्य माफी से हल नहीं हो जाएंगे। यह तो बस उस गुबार को शांत करने का काम करेगी जो एक अर्से से दिलों में जमा हैं।
दरअसल, 1800 से 1990 के दौरान, कनाडा में कैथोलिक चर्च के 139 आवासीय विद्यालयों में मूल निवासी, मेटिस तथा इनुइट समुदायों के डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चों को उनकी मर्जी के बिना भर्ती किया गया था। उन्हें कैथोलिक रीति-रिवाजों को मानने के लिए बाध्य किया गया, उसका प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें उनकी मूल संस्कृति से दूर करने के उपक्रम किए गए, मातृभाषा बोलने की भी इजाजत नहीं दी गई थी। बताया गया कि उनमें से 6000 से ज्यादा बच्चे चर्च अधिकारियों के अत्याचारों की वजह से मारे गए।
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