पश्चिम बंगाल स्थित दक्षिण दिनाजपुर के एक स्कूल में शिक्षिका ने 9वीं कक्षा की मुस्लिम छात्रा को महज अनुशासन में रहने के लिए डांट-फटकार लगाई थी। इससे बौखलाए माता-पिता के नेतृत्व में जिहादी झुंड ने ना केवल स्कूल पर हमला किया बल्कि महिला शिक्षका को निर्वस्त्र करके मारपीट की। दरअसल यह घटना दक्षिण दिनाजपुर जिले के हिली थाना क्षेत्र के त्रिमोहिनी प्रताप चंद्र हाई स्कूल की है। खबरों की मानें तो पिछले शुक्रवार को शिक्षिका ने अनुशासन में रहने के लिए छात्रा को फटकार लगाई थी। जब यह बात उसने अपने परिजनों को बताई तो बौखलाए माता-पिता जिहादी भीड़ के साथ स्कूल में आ धमके। पहले तो इस झुंड ने प्रधानाध्यापक कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद शिक्षकों के कमरों में घुस गए और महिला शिक्षिका के साथ मारपीट करते हुए उन्हें निर्वस्त्र करने लगे। इस दौरान झुंड में शामिल अराजक तत्व शिक्षकों को गाली—गलौज करते हुए स्कूल में मौजूद लोगों के साथ बदसलूकी कर रहे थे। जब इस बात की सूचना पुलिस को मिली तो पुलिस स्कूल पहुंची। बाद में स्कूल शिक्षकों के प्रखंड प्रशासन ने सुरक्षा का आश्वासन देकर स्थिति को शांत कराया।
चार को किया गिरफ्तार
घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिला। इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। बाद में स्कूल अधिकारियों ने हिली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। काफी हीलाहवाली के बाद पुलिस ने शिक्षकों पर हमला करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया। लेकिन तब तक यह घटना सोशल मीडिया के जरिए तेजी से फैल चुकी थी। घटना ने राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया था। सोशल मीडिया पर लोग सवाल कर रहे थे कि राज्य में एक महिला मुख्यमंत्री हैं। बावजूद राज्य में महिलाओं पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे। इसी तरीके से एक अन्य यूजर ने लिखा कि बंगाल में दिन—प्रतिदिन स्थितियां खराब होती जा रही हैं। सीमावर्ती इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठिये अराजकता फैला रहे हैं। और राज्य की मुख्यमंत्री मौन साधे हुए हैं। यही वजह है कि अराजक तत्वों के हौसले बुलंद हैं।
भाजपा ने कहा अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करे पुलिस
भाजपा सांसद और प्रदेशाध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इलाके का दौरा कर आंदोलनकारियों से मुलाकात की। उन्होंने शिक्षकों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि मैं एक बार शिक्षक था। हमने कई छात्रों को अनुशासित भी किया। एक शिक्षक के लिए विद्यार्थी ही उसका विद्यार्थी होता है। शिक्षिका ने जैसे ही छात्र के कान को छुआ, उसका मजहबी पोशाक, हिजाब उतर गया। इसके परिणामस्वरूप घटना हुई। लड़की के परिवार ने दो सौ लोगों के साथ स्कूल पर हमला किया। बावूजद पुलिस में मामला दर्ज करने की हिम्मत नहीं हुई। जब स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और सड़कों को जाम कर दिया, तब पुलिस ने 35 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
सुरक्षा की कमी हो रही महसूसस्कूल के प्रधानाध्यापक कमल कुमार जैन का इस घटना के बाद कहना है कि मैं स्कूल शिक्षकों के साथ खड़ा हूं और मुझे सुरक्षा की कमी भी महसूस होती है। जो हुआ उसकी उम्मीद नहीं थी। पीड़ित शिक्षिका ने कहा कि छात्रा को अनुशासित करने के लिए उसे डांटा था। लेकिन इस बात पर यह सब होगा, इसका अंदाजा नहीं था। अब हमें यहां असुरक्षा महसूस हो रही है।
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