पूर्वी लद्दाख की सरहद से आया ताजा समाचार चिंता पैदा करने वाला है। वहां चीनी वायुसेना के जे-11 सहित कई अन्य लड़ाकू विमान एलएसी को छूते हुए उड़ान भरते देखे गए हैं। इधर भारतीय वायुसेना ने भी चीन की इस शैतानी हरकत का प्रतिकार करने के लिए सख्त अंदाज अपनाया है।
चालाक चीन अपने नफरती एजेंडे पर आगे बढ़ रहा है। एलएसी पर उसकी दुश्मनी के भाव से भरी हरकत थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जबकि दूसरी तरफ वह दुनिया के सामने भारत—चीन सीमा वार्ता के ‘सकारात्मक दिशा’ में बढ़ने के दावे कर रहा है। बता दें कि अभी 9 दिन पहले ही भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की बातचीत हुई है। इसके बावजूद सीमा पर ‘तनाव कम करने’ की आड़ में ड्रैगन की यह ताजा हरकत किसी दृष्टि से उचित नहीं कही जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि गत करीब चार हफ्ते से चीनी लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई स्थानों पर रेखा को छूते हुए उड़ान भरते देखे जा रहे हैं। संभव है चीन ऐसा भारत की रक्षा तैयारी की खुफिया जानकारी जुटाने के लिए कर रहा है। लेकिन वजह जो भी, भारतीय रक्षा अधिष्ठान ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसे उकसावे की कार्रवाई ठहराया है।
भारतीय वायु सेना हालात पर करीबी नजर रखते हुए, इस चीनी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है। भारत की कोशिश है कि चीन की तरफ से दिखाई आक्रामकता पर यहीं रोक लगा दी जाए।
प्राप्त समाचारों के अनुसार, चीन के जे-11 विमान और दूसरे कई लड़ाकू विमान वास्तविक नियंत्रण रेखा को छूते हुए उड़ान भर रहे हैं। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में इस इलाके में कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर यानी सीबीएम लाइन को पार करके की कई घटनाएं देखने में आई हैं। एएनआई का समाचार है कि भारतीय वायुसेना ने उकसावे की इस कार्रवाई का कड़ा जवाब देने के लिए सख्त कदम उठा लिए हैं। भारत की तरफ से भी अपने सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान अग्रिम मोर्चों पर तैनात किए गए हैं। वे आगे चीन की किसी भी आक्रामक गतिविधि का जवाब देने की स्थिति में हैं।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, चीन की सेना लद्दाख सेक्टर में भारत की वायुसेना द्वारा बुनियादी ढांचे बनाने को लेकर चिंता में है। भारतीय वायुसेना ने से बुनियादी ढांचे अपने नियंत्रण वाले इलाकों में चीन की हरकतों पर करीबी नजर रखने के लिए बनाए हैं। बस चीन को इसी बात से चिढ़ है।
सूत्रों ने बताया है कि भारतीय वायुसेना चीन की उड़ानों पर कड़ी नजर रखे है। उल्लेखनीय है कि एलएसी पर चीन न सिर्फ बुनियादी ढांचे खड़े कर रहा है बल्कि उसने वहां फौजी उपस्थिति भी बढ़ाई है। इसे देखते हुए भारत ने भी पूर्वी लद्दाख में अपने सैन्य ढांचे को मजबूत करने के लिए तेजी से कई निर्माण किए हैं।
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