पाकिस्तान में राजनीति से इतर समाज के स्तर पर एक अजीब सी हालत पैदा हो रही है। वहां कुछ बेहद जरूरी दवाओं की भारी किल्लत महसूस की जा रही है। कई मनोचिकित्सकों का तो यहां तक कहना है कि अगर ये दवाएं जल्दी उपलब्ध नहीं हुईं तो कहीं देश में आत्महत्या की दर तेजी से बढ़ न जाए।
आज जहां एक तरफ पाकिस्तान में दैनिक उपयोग की चीजें और राशन के दाम आसमान छूते जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कई बड़े शहरों तक में कुछ जरूरी दवाओं की बेहद कमी महसूस की जा रही है। ये वे दवाएं हैं जिन्हें लोग मानसिक तनाव कम करने और मानसिक रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया करते हैं। इन दवाओं की कमी से डाक्टरों को भय है कि ऐसे लोगों में आत्महत्या की भावना जोर मार सकती है और आत्महत्या दर में बढ़ोतरी हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी छिनने के बाद गद्दी संभालने वाली शाहबाज शरीफ की सरकार भी महंगाई पर लगाम लगाने में विफसल साबित हो रही है। देश की आर्थिक सेहत गिरती ही जा रही है। रोजाना की जरूरतों से जुड़ी चीजों की कीमतें पहुंच से दूर हो चुकी हैं, राशन खरीदने के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में देश के कई शहरों में जरूरी दवाएं नदारद हैं। पाकिस्तान मीडिया में आई खबरें बताती हैं कि कई शहरों के बाजार में सबसे ज्यादा किल्लत लिथियम कार्बोनेट नाम की दवा की महसूस की जा रही है। यह दवा मानसिक रोगों और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों सबसे असरदार मानी जाती है।
पाकिस्तान पोर्टल द न्यूज के अनुसार, एक जाने—माने मनोचिकित्सक अध्यक्ष का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से किसी भी दवा कंपनी की लिथियम कार्बोनेट दवाई बाजार में नहीं मिल रही है। यह दवा ऐसे लोग लेते हैं जिन्हें दिमागी परेशानियां या उससे जुड़े रोग हैं। यह दवा मानसिक रोगों में बहुत ज्यादा सुझाई जाती है।
मानसिक रोग ही नहीं, रिपोर्ट बताती है कि बच्चों में ‘अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर’ नाम के रोग के इलाज के लिए मिथाइलफेनिडेट और मिर्गी के दौरे रोकने के लिए क्लोनाजेपम जैसी कुछ दूसरी जरूरी दवाइयां भी बाजार से गायब हैं।
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, शिफा इंटरनेशनल हॉस्पिटल, इस्लामाबाद और मेयो हॉस्पिटल, लाहौर के कई मानसिक रोग के डाक्टरों के अलावा देश के दूसरे बड़े मनोचिकित्सकों ने भी कहा है कि मानसिक विकार से पीड़ित लोगों के लिए लिथियम कार्बोनेट दवा ढूंढे नहीं मिल रही है। इस्लामाबाद के एक दवा विक्रेता ने कहा कि लिथियम कार्बोनेट दवा पूरे देश में नहीं मिल रही है। कच्चे माल की लागत बढ़ने से दवा कंपनियां अब ये दवाई नहीं बना रही हैं।
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