पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन निरोधक कानून के तहत छह बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ एक विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। ईडी की ओर से कहा गया कि मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत बीते 11 जुलाई को कोलकाता स्थित विशेष अदालत में एक आरोपपत्र दाखिल किया गया है। अदालत ने इस मामले का संज्ञान लिया है। खबरों के अनुसार चार्जशीट में प्रशांत कुमार हलधर उर्फ शिवशंकर हलधर, इमाम हुसैन उर्फ इमोन हलधर, अमाना सुल्ताना उर्फ शर्मी हलधर, स्वप्न मैत्रा उर्फ स्वप्न कुमार मिस्त्री, उत्तम कुमार मिस्त्री उर्फ उत्तम मैत्रा और प्रणेश कुमार हलधर के नाम शामिल हैं। ईडी की ओर से यह भी बताया गया है कि आरोपितों पर सीमा पार से जुड़े अपराध का आरोप है।
14 मई को किया था गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार सभी छह बांग्लादेशी नागरिकों को बीते 14 मई को छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान मामले की जांच में पाया गया है कि इन आरोपितों के पास बांग्लादेश और भारत दोनों देशों के सरकारी अधिकारियों की ओर से जारी विभिन्न पहचान पत्र उपलब्ध थे, यहां तक कि एक के पास दोनों देशों के पासपोर्ट भी मौजूद थे। ईडी ने बताया है कि जांच के दौरान जुलाई महीने में आरोपितों के पास से कुल 7.56 करोड़ रुपये कीमत के फ्लैट, मकान, शेयर और नगदी जब्त किया था।
बैंक धोखाधड़ी का आरोप
एजेंसी के अनुसार हलदर को बांग्लादेश में एक बैंक धोखाधड़ी में आरोपी पाया गया था और उस पर बांग्लादेश के बाहर विभिन्न देशों में पैसे/अपराध की आय का गबन करने का आरोप लगाया गया था। ईडी ने कहा है कि जांच में पाया गया कि उक्त बांग्लादेशी नागरिकों के पास भारत और बांग्लादेश दोनों के सरकारी अधिकारियों द्वारा जारी किए गए विभिन्न पहचान दस्तावेजों के अलावा बांग्लादेशी और भारतीय दोनों पासपोर्ट थे। ईडी ने जांच के तहत जुलाई में आरोपियों के फ्लैट, बंगले, शेयर और कुल 7.56 करोड़ रुपये की नकदी कुर्क की थी।
अवैध रूप से करते थे कारोबार
बीते मई महीने में बांग्लादेशी कारोबारियों के काले पैसे से बंगाल के विभिन्न इलाकों में अवैध कारोबार करने के आरोप में राज्य के आधे दर्जन स्थानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। उसमें उत्तर 24 परगना के अशोकनगर में मछली व्यापार के नाम पर 10 हजार करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगा था। खबरों के अनुसार बांग्लादेशी कारोबारी का तीन मंजिला मकान और कई कार हैं। बांग्लादेशी कारोबारियों पर मछली कारोबार के पीछे अवैध वित्तीय लेनदेन और बैंक धोखाधड़ी के आरोप हैं। इसके साथ ही इन पर अवैध तस्करी में लिप्त रहने का आरोप है।
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