स्मार्टफोन पर रखें तीन घंटे की लक्ष्मण रेखा
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विज्ञान और तकनीक

स्मार्टफोन पर रखें तीन घंटे की लक्ष्मण रेखा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय में यह सीमा दो घंटे है। लेकिन नए दौर की आवश्यकताओं के मद्देनजर थोड़ी उदारता बरतें तो भी औसतन तीन घंटे की अवधि पर्याप्त होनी चाहिए

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Jul 20, 2022, 06:55 pm IST
in विज्ञान और तकनीक, सोशल मीडिया
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

स्क्रीन पर बिताया जाने वाला समय खतरनाक ढंग से बढ़ रहा है और इसके साथ ही यह सवाल भी कि आखिर स्मार्टफोन के प्रयोग की सीमा क्या हो। इस सवाल का गोलमोल जवाब इस तरह से दिया जा सकता है कि अलग-अलग लोगों के लिए यह समय भी अलग-अलग होगा। हो सकता है कि किसी के लिए स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करना निजी कारणों, शिक्षा, रोजगार या कारोबार के लिहाज से जरूरी हो और ऐसे शख्स अगर आठ-दस घंटे भी इसका इस्तेमाल करते हैं तो चलता है। क्यों?

मुझे लगता है कि भले ही आपके कामकाज में स्मार्टफोन की भूमिका हो, तब भी आपको निजी स्तर पर (व्यवसाय से इतर) बिताए जाने वाले समय की सीमा तो तय करनी ही चाहिए, क्योंकि सेहत तो आपकी अपनी ही है। सैकड़ों अध्ययनों में कहा गया है कि स्मार्टफोन से भौतिक और मानसिक स्वास्थ्य, मस्तिष्क की क्षमताओं, सामाजिक संबंधों, उत्पादकता आदि पर असर पड़ रहा है। अगर कामकाज के दिनों में फोन का ज्यादा इस्तेमाल करना हमारी मजबूरी है तो छुट्टी के दिन उसे छुट्टी देकर हम अपना औसत समय ठीक कर सकते हैं।

औसत समयसीमा पर गौर करना इसलिए भी जरूरी है कि ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है, जिनके लिए इसके अधिक प्रयोग की मजबूरी है। दुनिया की ज्यादातर आबादी की ऐसी कोई मजबूरी नहीं है कि वह दिन में पांच से दस घंटे स्मार्टफोन का इस्तेमाल करे। अध्ययन बताते हैं कि हममें से ज्यादातर लोग सिर्फ समय काटने के लिए मोबाइल की शरण लेते हैं और धीरे-धीरे वह आदत और मजबूरी बन जाती है। वे ऐसी कई गतिविधियों में उलझे रहते हैं, जिनके बिना भी आसानी से काम चल सकता है, जैसे कि व्हाट्सएप के दर्जनों समूह जिनमें हम संदेशों को इधर से उधर करते रहते हैं। उनकी व्यर्थता जानते हुए भी उन्हें छोड़ नहीं पाते।

 

बच्चों और किशोरों की अपनी जरूरतें होती हैं। मोबाइल गैजेट उनके मनोरंजन, खेल-कूद और मेल-जोल के प्रधान उपकरण बन गए हैं। फिर शिक्षा से जुड़ी जरूरतें भी हैं। तो वे तीन घंटे की इसी अवधि में समायोजन कर सकते हैं और टेलीफोन पर बातचीत, व्हाट्सएप आदि की अवधि घटाकर मनोरंजन, मोबाइल गेम आदि पर एक घंटे की बजाए डेढ़ घंटा खर्च कर सकते हैं। लेकिन तीन घंटे की अधिकतम सीमा अच्छी है, बशर्ते इसे बढ़ाने की कोई बड़ी मजबूरी न हो।

अगर एक औसत इनसान के तौर पर बात की जाए तो स्मार्टफोन पर कितना समय बिताना उचित होगा? स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय में यह सीमा दो घंटे है। अगर शिक्षा, रोजगार और कामकाज से जुड़ी कोई मजबूरी न हो तो एक आम आदमी के लिए आज के समय की जरूरतों के लिहाज से यह एक आदर्श अवधि होगी। लेकिन मोबाइल फोन की बढ़ती उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए अगर थोड़ी उदारता बरतें तो औसतन तीन घंटे की अवधि पर्याप्त होनी चाहिए। याद रखिए कि हम औसत की बात कर रहे हैं। संभव है, किसी दिन आपको मजबूरी में पांच घंटे मोबाइल का प्रयोग करना पड़े, लेकिन फिर किसी दिन इसे एक घंटा तक सीमित रखकर आप अपना औसत बनाए रख सकते हैं। सप्ताह के पांच दिन चार घंटे की जरूरत पड़े तो बाकी दो दिन समायोजन कर सकते हैं। यहां मुद्दे
की बात है ‘जरूरत’ के लिहाज से प्रयोग करना। यदि आप यह निश्चित कर लें कि बेवजह मोबाइल का प्रयोग नहीं करना है और बार-बार प्रयोग नहीं करना है तो आपके लिए यह लक्ष्य असंभव नहीं है।

मोबाइल के बारे में एक औसत वयस्क व्यक्ति की जरूरतें कैसी हैं? सबसे प्रधान है संचार। टेलीफोन कॉल करने, सुनने और व्हाट्सएप के लिए डेढ़ घंटे का औसत समय ठीक होगा। याद रखिए, हम आम आदमी की बात कर रहे हैं, ऐसे लोगों की नहीं जिनकी नौकरी और कारोबार में मोबाइल की भूमिका बहुत ज्यादा है। आप अपने पसंदीदा एप्स का प्रयोग करते हुए भी समय घटा सकते हैं। जैसे व्हाट्सएप को बार-बार देखने में तीन घंटे का समय लगाने की बजाए, उसे दिन में सिर्फ तीन या चार बार देखने की आदत डालना। आप एक साथ सारे संदेशों के उत्तर दे सकते हैं और इस अवधि को 30-40 मिनट पर ला सकते हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और खबरों के लिए आधा घंटा पर्याप्त है। बाकी बचा एक घंटे का समय पढ़ने-लिखने, कुछ नया जानने-समझने, मनोरंजन और बाकी बचे कामों पर लगाया जा सकता है। जैसे- यूट्यूब, ईबुक, संगीत आदि। व्यवसाय से संबंधित जरूरतें इसके बाद आ सकती हैं। हालांकि उन्हें दो घंटे के भीतर सीमित रखा जा सके तो बहुत अच्छा है। सामान्य नागरिक के लिए तीन घंटे और कारोबारी विवशता वाले व्यक्ति के लिए पांच घंटे।

बच्चों और किशोरों की अपनी जरूरतें होती हैं। मोबाइल गैजेट उनके मनोरंजन, खेल-कूद और मेल-जोल के प्रधान उपकरण बन गए हैं। फिर शिक्षा से जुड़ी जरूरतें भी हैं। तो वे तीन घंटे की इसी अवधि में समायोजन कर सकते हैं और टेलीफोन पर बातचीत, व्हाट्सएप आदि की अवधि घटाकर मनोरंजन, मोबाइल गेम आदि पर एक घंटे की बजाए डेढ़ घंटा खर्च कर सकते हैं। लेकिन तीन घंटे की अधिकतम सीमा अच्छी है, बशर्ते इसे बढ़ाने की कोई बड़ी मजबूरी न हो।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट में ‘निदेशक- भारतीय भाषाएं और सुगम्यता’ के पद पर कार्यरत हैं)

Topics: स्मार्टफोन की भूमिकामोबाइल गैजेटmobile gadget
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

इस्लामिक आक्रमण और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Uttarakhand Illegal Madarsa

बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे मदरसे : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

देहरादून : भारतीय सेना ने अग्निवीर ऑनलाइन भर्ती परीक्षा सम्पन्न

इस्लाम ने हिन्दू छात्रा को बेरहमी से पीटा : गला दबाया और जमीन पर कई बार पटका, फिर वीडियो बनवाकर किया वायरल

“45 साल के मुस्लिम युवक ने 6 वर्ष की बच्ची से किया तीसरा निकाह” : अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के खिलाफ आक्रोश

Hindu Attacked in Bangladesh: बीएनपी के हथियारबंद गुंडों ने तोड़ा मंदिर, हिंदुओं को दी देश छोड़ने की धमकी

श्रीहरि सुकेश

कनाडा विमान हादसा: भारतीय छात्र पायलट की हवाई दुर्घटना में मौत

बुमराह और आर्चर

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: लॉर्ड्स में चरम पर होगा रोमांच

मौलाना छांगुर ने कराया 1500 से अधिक हिंदू महिलाओं का कन्वर्जन, बढ़ा रहा था मुस्लिम आबादी

Uttarakhand weather

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: 10 से 14 जुलाई तक मूसलाधार वर्षा की चेतावनी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies