झारखंड में कुछ दिनों से जो शंका व्यक्त की जा रही थी वह सच निकली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी और विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। अब यह कहा जा रहा है कि आने वाले दिन हेमंत सोरेन के लिए भी अच्छे नहीं रहेंगे। वास्तव में देखा जाए तो पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी हेमंत सोरेन के लिए किसी आपदा से कम नहीं है, क्योंकि पंकज के साथ जो कुछ हो रहा है, उसके लिए बहुत हद तक हेमंत सोरेन ही जिम्मेदार हैं। इसलिए आज नहीं तो कल हेमंत सोरेन को भी ईडी के सामने हाजिर होना पड़ सकता है। यदि ऐसा होता है, तो झारखंड की सरकार ही खतरे में पड़ सकती है।
अब जरा मामला जान लेते हैं कि पंकज को क्यों गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि खनन के एक पट्टे के मामले में पूछताछ के लिए 19 जुलाई की सुबह ईडी ने पंकज मिश्रा को बुलाया था। दिनभर उनसे पूछताछ की गई और शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी की खबर फैलते ही रांची की उन कोठियों में सन्नाटा छा गया, जहां राज्य सरकार को चलाने वाले रहते हैं यानी मंत्री और सत्तारूढ़ विधायक।
यह भी बता दें कि पिछले कई दिनों से ईडी के अधिकारी पंकज को पूछताछ के लिए बुला रहे थे, लेकिन वे बीमारी का हवाला देकर नहीं आ रहे थे। पंकज की गिरफ्तारी से पहले उनके करीबी दाहू यादव और बच्चा यादव से प्रवर्तन निदेशालय ने आमने—सामने बैठाकर पूछताछ की। इसी के बाद पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। ऐसी खबर है कि दाहू यादव और बच्चा यादव ने यह स्वीकार किया है कि अवैध खनन तथा अन्य कालेधंधों में पंकज मिश्रा के साथ उनकी हिस्सेदारी है। कहा जा रहा है कि पंकज मिश्रा इन दोनों के माध्यम से अपना कालाधन खपाने का काम करते थे।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने 15 जुलाई को पहली बार अधिकारिक जानकारी देते हुए बताया था कि 8 जुलाई, 2022 को पंकज मिश्रा और उनके करीबियों के कुल 19 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें 5.34 करोड़ रुपए और करोड़ों की अवैध संपत्ति के कागजात मिले हैं। यह छापेमारी साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जाचौकी और बरहरवा में हुई थी। ईडी के अनुसार पंकज मिश्रा, दाहू यादव और उनके सहयोगियों के 37 बैंक खातों से 11.28 करोड़ रुपए जब्त किए गए। इसके साथ ही 5 स्टोन क्रशर और पांच कारतूस भी जब्त किए गए हैं। यह भी जानकारी मिली है कि जब्त की गई राशि साहिबगंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किए गए अवैध खनन से प्राप्त हुई थी।
क्या है पंकज मिश्रा से जुड़ा मामला?
ईडी ने वर्ष 2020 में बरहरवा थाने में टेंडर विवाद मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में वर्ष 2022 में प्राथमिकी दर्ज की थी। इस प्राथमिकी में पंकज मिश्रा को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। यह प्राथमिकी शंभुनंदन नामक एक व्यक्ति ने दर्ज कराई थी। पिछले दिनों ईडी ने शंभुनंदन का बयान भी दर्ज कर लिया है। इसी बयान के आधार पर ईडी ने उस मोबाइल को भी जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा दिया था जिस पर पंकज मिश्रा द्वारा फोन करने का दावा किया गया था। इस फोन में कई अहम जानकारियां मिलने की सूचना भी है।
बेशक अभी ईडी ने पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है पर इससे सबसे ज्यादा परेशानी हेमंत सोरेन को हो रही है। यह बात इसलिए कही जा रही है कि पंकज मिश्रा लंबे समय से हेमंत सोरेन के नजदीकी रहे हैं और इस समय वे उनके विधायक प्रतिनिधि भी हैं। पंकज मिश्रा एक साधारण परिवार से आते हैं, लेकिन उनके घर करोड़ों रुपए की संपत्ति मिलती है। ऐसा कहा जा रहा है कि पंकज मिश्रा के पास जो भी संपत्ति है वह सोरेन परिवार की मदद से ही प्राप्त हुई है। स्पष्ट शब्दों में यह कर सकते हैं कि पंकज मिश्रा के पास जो कुछ मिल रहा है उसके तार सोरेन परिवार यानी हेमंत सोरेन से जुड़े हो सकते हैं।
इसलिए यह कहा जा रहा है कि पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी से हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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