नैनीताल में जिला मजिस्ट्रेट धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देश पर जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण द्वारा राजमहल होटल कम्पाउंड, मल्लीताल की पांचवीं मंजिल को ध्वस्त कर दिया गया। दो दिन बाद पुनः ध्वस्तीकरण का कार्य किया जाएगा।
विदित है कि नैनीताल महायोजना में विशेष वनाच्छादित (असुरक्षित क्षेत्र) के अन्तर्गत आता है, जिसमें किसी प्रकार का निर्माण एवं विकास कार्य अनुमन्य नहीं है। अवैध निर्माण का कार्य किया जा रहा था। इस संबंध में सचिव प्राधिकरण पंकज उपाध्याय ने बताया कि होटल स्वामित्व को 3 दिन के भीतर उक्त स्थल पर किए गए समस्त अनधिकृत भवन में से समस्त सामग्री को हटाते हुये भवन को रिक्त करने के आदेश भी दिए गए थे। किन्तु आदेश की अवमानना के कारण उत्तराखण्ड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम, 1973 की धारा -27(1) के अन्तर्गत पांचवी मंजिल को आज ध्वस्त कर दिया गया। शेष ध्वस्तीकरण का कार्य दो दिन बाद पुनः किया जाएगा।
इससे पूर्व भी प्राधिकरण द्वारा अप्रैल 2009 में उक्त स्थल के ध्वस्तीकरण के आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद उक्त स्थल पर लगातार अनधिकृत निर्माण के कारण प्राधिकरण द्वारा अगस्त 2009 में दूसरी, तीसरी व चौथी मंजिल की आंतरिक दीवारों को ध्वस्त कर दिया था। वर्ष 2012 में प्राधिकरण द्वारा दो मंजिला को पुनर्स्थापित करने के कारण सील भी करना पड़ा था। जानकारी के मुताबिक रईस अंसारी नाम के बिल्डर ने पांचवीं और चौथी मंजिल को दिल्ली के मोहम्मद आरिफ और निरुद्दीन नाम के कारोबारियों को बेच दिया था। ये दोनो मंजिले प्राधिकरण ने पहले भी तोड़ कर सील किया था, लेकिन रईस ने बंद सील में काम फिर से करवाकर इसे बेच डाला और प्राधिकरण के अभियंता सोए रहे।
सोमवार को दो मंजिला ध्वस्त होने की कार्रवाई के बाद कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने भी जाकर इस इमारत को देखा जोकि नैनीताल के डेंजर जोन में पांच मंजिल तक खड़ी कर दी गई। श्री रावत ने कहा कि वो इस बात की जांच करवा रहे हैं कि आखिरकार किसके संरक्षण में ये अवैध निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि सील इमारत में अवैध निर्माण करने पर एक अलग से मामला भू स्वामी पर दर्ज किया जाएगा।
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