नूपुर शर्मा से डिबेट करने वाले तस्लीम रहमानी का अजमेर कनेक्शन, सरवर चिश्ती के नए वीडियो से खुलासा

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अजमेर दरगाह के अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती का एक और वीडियो सामने आया है। वीडियो में नूपुर शर्मा के साथ विवादित डिबेट करने वाला तस्लीम रहमानी भी है, जिसमें ये पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की वकालत कर रहे हैं। सैयद सरवर चिश्ती का यह वीडियो अजमेर का बताया जा रहा है। हालांकि कब का है, इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। वीडियो में चिश्ती के साथ SDPI नेता तस्लीम रहमानी, PFI का अनीस, SDPI का जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद शफी और राजस्थान PFI अध्यक्ष आसिफ भी दिख रहे हैं।

सैयद सरवर चिश्ती के दो वीडियो पहले भी सामने आए थे। 26 जून को अजमेर में सकल हिंदू समाज ने शांति मार्च निकाला था। उसके बाद चिश्ती का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह कह रहा था कि मुस्लिम समाज ने नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर जुलूस निकाला था, लेकिन हिन्दू समाज ने जुलूस क्यों निकाला? इससे भावनाएं आहत हुईं। मुसलमान ये कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उसके पहले एक वीडियो आया था, जिसमें वह अंजुमन जादगान के चुनाव के बाद संबोधित कर रहा था, उसमें वह कह रहा था कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह व नबी की शान में गुस्ताखी कभी कबूल नहीं करेंगे। अगर ऐसा करोगे तो पूरा हिन्दुस्तान हिल जाएगा।

नरेंद्र मोदी पर भी दिया था विवादित बयान
कर्नाटक में करीब 10 साल पहले PFI के मंच से सार्वजनिक तौर पर सरवर चिश्ती ने नरेंद्र मोदी पर बयान दिया था। उसने कहा था कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बन गए तो कोई ताज्जुब नहीं होगा कि सभी मुसलमान आतंकवादी बन जाएं। हालांकि उस बयान के बाद चिश्ती क खिलाफ वहां केस दर्ज हुआ था।

बता दें कि PFI पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। कई आतंकी घटनाओं को लेकर PFI से जुड़े लोगों से पूछताछ होती रही है। हाल ही में बिहार के पटना में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया से जुड़े कई लोगों पर मामला दर्ज हुआ है। पीएम को दौरे से पहले 11 जुलाई को बिहार पुलिस ने कार्रवाई कर आतंकियों के नेटवर्क का खुलासा किया है। पकड़े गए तीन आरोपियों के पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का दस्तावेज मिला है। उससे खुलासा हुआ कि ये अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे। इस साजिश में शामिल 26 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। सभी आरोपी PFI और SDPI से जुड़े हुए हैं।

गौरतलब है कि 2006 में मुंबई और 2008 में अहमदाबाद विस्फोट में PFI का नाम आया था। यहां तक कि एजेंसियां भी PFI को आतंकी संगठन सिमी का बदला रूप मानती हैं।

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