आपराधिक न्याय व्यवस्था में प्रक्रिया ही दंड : सीजेआई रमन्ना

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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमन्ना ने कहा कि लोकतंत्र तभी सफल माना जाएगा जब न्याय तक सभी की पहुंच तथा कानून में सभी की भागीदारी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि जब न्याय व्यवस्था तक गरीब की पहुंच रहेगी तभी वह अपने अधिकारों के उल्लंघन पर कानून का उपयोग कर पाएगा।

सीजेआई रमन्ना शनिवार को नालसा की ओर से आयोजित राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के 18वें अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था में संविधान की मूल भावनाओं को निहित करते हुए आधुनिक तकनीकों एवं टूल्स का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों तथा नवाचारों की तारीफ करते हुए कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के प्रयासों के तहत काफी हद तक देश में न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के मामलों में कमी आई है। उन्होंने ज्यूडिशियल सिस्टम में आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने तथा नई भर्तियां करने पर भी जोर दिया जिससे कोर्ट में लंबित मामलों को कम किया जा सके।

सीजेआई ने कहा कि न्याय तक पहुंच, अन्य अधिकारों की रक्षा के काम आने वाला अधिकार है। देश में छह लाख 11 हजार कैदी हैं। इनमें से अस्सी फीसदी कैदी विचाराधीन हैं। इनके मामलों को तय करने के लिए प्रभावी कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपराधिक न्याय व्यवस्था में प्रक्रिया ही दंड है। अदालतों में न्यायाधीशों के पदों को भरने के साथ ही संसाधनों को भी बढ़ाने की जरूरत है।

समारोह में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की शुरुआत हुए 25 साल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान प्राधिकरण द्वारा विभिन्न तरह के नवाचार किये गए है जिससे कोर्ट में लंबित मामलों में कमी आई है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा संचालित आउटरीच कार्यक्रम के तहत 42 दिनों तक देश के सभी गांवों में न्यायालयों के लंबित मामलों को निपटाया गया। समारोह में राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश एस. एस. शिंदे ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन्ना द्वारा ई-प्रिजन पोर्टल फोर सिटीजन एवं लीगल सर्विस अथॉरिटी के तहत नवाचार का लोकार्पण किया गया। साथ ही, लीगल ऐड केसेज मैनेजमेंट पोर्टल एवं मोबाइल ऐप फोर लीगल ऐड लायर्स का भी ऑनलाइन लोकार्पण किया गया।

केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा नालसा ऑनलाइन मीडिएशन पोर्टल फॉर कमर्शियल मीडिएशन का ऑनलाइन लोकार्पण किया गया। समारोह में रिलीज यूटीआरसी एट 75 कैंपेन का भी ऑनलाइन लॉन्च किया गया। साथ ही केंद्रीय विधि मंत्रालय तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के बीच 112 एस्पिरेशनल जिलों में लीगल लिटरेसी प्रोग्राम, टेली लॉ तथा न्यायबंधु के लिए एमओयू किया गया। समारोह में सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न न्यायाधीश, विभिन्न राज्यों के मुख्य न्यायाधीश, मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

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