केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश की अदालतों में पांच करोड़ से अधिक मुकदमे लंबित हैं। ऐसे में वर्ष 2047 में क्या हालात होंगे? ऐसे ठोस कदम उठाए जाने चाहिए कि अगले दो सालों में दो करोड़ मुकदमे कम हो जाएं। केंद्रीय कानून मंत्री जयपुर में 18वीं ऑल इंडिया लीगल सर्विसेज अथॉरिटी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आम जन को राहत देने के लिए न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच तालमेल की जरूरत है। हाइकोर्ट में हिंदी और स्थानीय भाषाओं में कामकाज को प्राथमिकता देनी चाहिए।
कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि आपराधिक मामलों में प्रक्रिया ही सजा के समान है। देश में 6 लाख 11 हजार कैदी हैं। इनमें से अस्सी फीसदी विचाराधीन कैदी हैं। ऐसे प्रयास करने चाहिए कि इनके निस्तारण की प्रक्रिया तेज हो।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ