उत्तराखण्ड राज्य में नमामि गंगे परियोजना के तहत् गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण एवं गंगा तटों पर जनसुविधा विकसित किये जाने हेतु लगभग 25 करोड़ की लागत की 03 परियोजनाओं को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अधिकारी पूरन कापड़ी ने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत् स्वीकृत परियोजनाएं उत्तराखण्ड में माँ गंगा एवं इसकी सहायक नदियों की स्वच्छता, निर्मलता एवं अविरलता हेतु अत्यधिक महत्वपूर्ण परियोजनाएं है। जिस पर इसी साल बरसात बाद काम शुरू हो जाएगा।
उन्होंने बताया की आज की महत्वपूर्ण बैठक में जी अशोक कुमार, महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में सम्पन्न 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में उत्तराखण्ड राज्य से श्री उदय राज सिंह , अपर सचिव, पेयजल (नमामि गंगे) द्वारा वर्चुवली रूप से प्रतिभाग किया गया।
श्री कापड़ी ने बताया कि बैठक में जनपद रूदप्रयाग में केदारनाथ यात्रा के आरंभ स्थल गौरीकुंड व तिलवाड़ा सीवरेज परियोजना हेतु रू0 23.37 करोड़, की योजना स्वीकृत हुई है। इस योजना से नदियों में प्रदूषित जल प्रवाह को रोकने में यह परियोजना कारगर साबित होगी। परियोजना के पूर्ण होने पर चारधाम यात्रा को अत्यधिक लाभ मिलेगा और नदियों की स्वच्छता व निर्मलता के दृृष्टिगत भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है।
दैवीय आपदा वर्ष 2021 में क्षतिग्रस्त हुए देवप्रयाग एस.टी.पी., कर्णप्रयाग एस.टी.पी. एवं गोपेश्वर एस.टी.पी. के मरम्मत कार्यों हेतु कुल रू0 87.37 लाख और चन्द्रेश्वर नगर, ऋषिकेश में नमामि गंगे कार्यक्रम के अतंर्गत निर्मित 7.5 एम.एल.डी. एस.टी.पी. से उत्पन्न ध्वनी स्तर को कम करने के लिए Acoustic insulation (ध्वनिक रोधन) लगाए जाने हेतु रू 82.74 लाख की परियोजना स्वीकृत की गयी है। श्री कापड़ी ने बताया कि राज्य को पिछली कार्यकारी समिति की बैठक में करीब 43 करोड़ की लागत की 04 परियोजनाओं की पूर्व में स्वीकृति दी जा चुकी है।
टिप्पणियाँ