झारखंड में हिंदुओं का कन्वर्जन और उनके मंदिरों को अपवित्र करने वाली घटनाएं इतनी अधिक होने लगी हैं कि लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं। पहले बात खूंटी जिले की। यहां के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के बिकुवादाग चांपी गांव के दिवरी पतरा (जंगल) में स्थित प्राचीन देवस्थल के शिवलिंग को दो दिन पहले असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया। इस देवस्थल में ऐसी घटना दूसरी बार हुई है। इस कारण स्थानीय लोगों में प्रशासन के विरुद्ध भारी गुस्सा है।
इसकी घटना खबर फैलते ही वहां लोग जमा हो गए और हंगामा करने लगे। इसकी जानकारी मिलते ही प्रभारी अनुमंडल पदाधिकारी जितेंद्र मुंडा, तोरपा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ओमप्रकाश तिवारी चांपी पहुंचे और ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली। साथ ही ऐसे कुकृत्य करने वाले असामाजिक तत्वों पर कठोरतम कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
ग्रामीण देवेंद्र सिंह और सुधीर सिंह ने बताया कि इस देवस्थल में दूसरी बार ऐसी घटना हुई है। कुछ समय पहले भी देव प्रतिमाओं को खंडित किया गया था। उस समय भी प्रशासन ने दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। इस कारण मंदिर में दूसरी बार शिवलिंग को तोड़ा गया है। ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों से लोग यहां पूजा-पाठ करते आ रहे हैं। यह हमारी आस्था पर चोट है। प्रशासन इसके खिलाफ कड़ी कार्यवाई करे।
घटना के बाद स्थानीय विधायक कोचे मुंडा, जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष संजय साहू, आनंद राम, रामध्यान सिंह आदि भी इस प्राचीन देवस्थल में पहुंचे। विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि चांपी के दिवरी पतरा स्थित देवस्थल का यह शिवलिंग काफी प्राचीन है और लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां पर असामाजिक तत्वों ने दूसरी बार तोड़फोड़ की है। प्रशासन ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान कर शीघ्र उन्हें गिरफ्तार करे और कड़ी से कड़ी सजा दिलाए।
खूंटी में शिवलिंग तोड़ने से पहले झारखंड के प्रसिद्ध शिवधाम टांगीनाथ के अलावा दुमका और लोहरदगा के कुछ शिव मंदिरों के आसपास गोमांस के टुकड़े मिलने से भी हिंदुओं में गुस्सा है। इन घटनाओं की विश्व हिंदू परिषद ने निंदा की है। लोहरदगा में 10 जुलाई को संपन्न हुई तीन दिवसीय विश्व हिंदू परिषद झारखंड प्रांत कार्यसमिति की बैठक में इन घटनाओं पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कहा गया है कि हम कानून और संविधान को मानने वाले हैं, जो लोग कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, उन पर सरकार, पुलिस और प्रशासन कार्रवाई करे, अन्यथा हिंदू समाज अपने स्तर से कार्रवाई करने पर बाध्य होगा।
बता दें कि गुमला जिले के प्रसिद्ध टांगीनाथ धाम से एक किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी है, जहां प्राचीन काल से एक शिवलिंग है। यहां पिछले दिनों कटे हुए पशुओं के अवशेष मिले हैं। शिवलिंग के पास ही हड्डियां, सूखी चमड़ी, पशुओं के कटे सिर आदि मिले हैं। इसके बाद लोगों ने प्रशासन को बताया। जानकारी मिलने पर डुमरी थाना प्रभारी मनीष कुमार ने दल—बल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस पर भी प्रशासन ने कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि अब हिंदुओं को प्रशासन के आश्वासन पर कोई भरोसा नहीं रह गया है। इसका मुख्य कारण है कि हिंदुओं के साथ कुछ भी होता है, तो उसे न तो झारखंड की सरकार गंभीरता से लेती है और न ही पुलिस। इस कारण राज्य में एक अलग ही माहौल बनता दिख रहा है।
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