जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा आतंक के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में पुलिस ने आतंकी गतिविधियों में सहायता करने के लिए उपयोग किए गए 4 घरों को कुर्क करने और 3 वाहनों को जब्त करने की मंजूरी दी गई है। बता दें कि इन घरों को आतंकियों ने अपना ठिकाना बनाया था और यहीं से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था। पुलिस द्वारा जांच में पाया गया कि आरोपी बाबर सुहैल, आदिल मोहम्मद लोन, मुजफफर अहमद मीर और रमीज अहमद के घर का प्रयोग सीआरपीएफ के जवानों पर आतंकी हमले में शामिल 3 आतंकियों को मदद देने के लिए किया गया था। इस आतंकी घटना में सीआरपीएफ के 4 जवान जहां घायल हुए थे और इनमें 2 बलिदान हो गए थे। पड़ताल में यह बात सामने निकलकर आई कि आरोपियों ने आतंकियों को कई बार इन घरों में शरण के साथ अन्य प्रकार की सहायता देने में भी की है।
वाहनों का भी किया गया प्रयोग
एक स्कार्पियो, पियाजो और टीवीएस स्कूटी, गाड़ी क्रमश: लतीफ अहमद काम्बे, आकिब अहमद मीर, इरशाद अहमद मलिक के नाम पर रजिस्टर्ड है। इन वाहनों का भी प्रयोग आतंकी गतिविधियों में किया गया। पुलिस ने इन सभी के जब्ती के आदेश दिए हैं।
हरवान में भी हुआ एक घर का इस्तेमाल
श्रीनगर स्थित पुलिस स्टेशन हरवान में भी एक घर का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में किया गया था। आशिक हुसैन भट नामक व्यक्ति आतंकवादियों को पनाह दे रहा था। पुलिस को जो सबूत मिले उससे स्पष्ट हो गया कि इस घर का भी इस्तेमाल आतंकियों के मदद के लिए किया गया था।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस लगातार आतंक की कमर तोड़ने में लगी हुई है। एक ओर जहां आतंकियों का सफाया किया जा रहा है वहीं आतंक को पालने, मदद देने वालों पर भी नकेल कसी जा रही है। इससे पहले भी जम्मू—कश्मीर पुलिस और प्रशासन की ओर से आतंकवादियों को शरण देने वालों के घरों को जब्त किया गया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस UAPA एक्ट की धारा 2 (G) और ULP की धारा 25 के तहत उन घरों को जब्त करती है, जिनका इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। पिछले दिनों पुलिस ने लोगों से अपील की थी कि आतंकियों और आतंक फैलाने की कोशिश करने वालों का ना तो साथ दें और ना ही पनाह। अगर कोई भी ऐसा करते पाया जाता है तो उसकी प्रॉपर्टी तो जब्त होगी ही, साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
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