नर्मदा बचाओ अभियान की नेत्री मेधा पाटकर समेत 12 लोगों के खिलाफ रविवार को मध्यप्रदेश के बड़वानी के कोतवाली थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। सभी पर नर्मदा नवनिर्माण अभियान एनजीओ को मिले 13.5 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। जिले के राजपुर ब्लॉक के टेमला गांव के प्रीतमराज बड़ोले की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
प्रीतमराज बड़ोले की शिकायत पर कोतवाली थाना पुलिस ने मेधा पाटकर, परवीन रूमी जहांगीर, विजया चौहान, कैलाश अवास्या, मोहन पाटीदार, आशीष मंडलोई, केवलसिंह बसावे, संजय जोशी, श्याम पाटील, सुनीति एसआर, नुरजी पदवी व केसव वासवे पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। प्रीतमराज का कहना कि पाटकर द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ में 14 साल में जमा हुए 13.50 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है।
बड़ोले का आरोप है कि वनवासी बच्चों की पढ़ाई के नाम पर दान की राशि का उपयोग राष्ट्र विरोधी सहित अन्य गतिविधियों में किया गया है। उनका कहना है कि राशि का स्त्रोत और व्यय का स्पष्ट खुलासा नहीं किया है। डेढ़ करोड़ से ज्यादा राशि की बैंक से नकद निकासी की गई। निकासी की ऑडिट व खाता विवरण भी अस्पष्ट है। ट्रस्ट के 10 खातों में से 4 करोड़ से अधिक राशि नियमित व अज्ञात निकासी हुई है। ट्रस्ट ने एकत्रित किए दान का रुपया विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के प्रबंधन के लिए डायवर्ट किया।
बड़ोले ने कहा कि मेरे द्वारा शिकायत कर मेधा पाटकर सहित 12 लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया गया है। उनके खाते से निकली राशि की जानकारी हमें सूत्रों से प्राप्त हुई है। हम कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।
इस मामले में मेधा पाटकर का कहना है कि शिकायतकर्ता ने जो शिकायत की है वह गलत है। हमारे द्वारा सभी खातों का ऑडिट किया गया है। पुलिस की ओर से हमें नोटिस नहीं मिला है। हमने पहले भी कई बार इसका जवाब दिया है। शिकायतकर्ता लोगों को भ्रमित कर रहा है। वह बता रहा है कि ग्राउंड पर स्कूल नहीं है, हमारे साथ आएं तो बताएंगे कि कितनी स्कूल हैं। इस मामले में बड़वानी एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिली थी, उस आधार पर एफआईआर हुई है। शिकायत में दी गई जानकारी के आधार पर दस्तावेज उठाकर जांच की जाएगी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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