पलामू जिले के मनातू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी काम के समय में दारू के नशे में मिले। स्थानीय विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने उस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की।
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार में अधिकारी किस तरह से बेलगाम हो गए हैं, उसका जीता जागता उदाहरण पलामू जिले के पाकी विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। जिन अधिकारियों को जनता की समस्याओं के समाधान के लिए रखा गया है वे अपने कार्यालय से अनुपस्थित होकर सरकारी आवास में शराब के नशे में धुत पाए जा रहे हैं।
ताजा मामला मनातू प्रखंड कार्यालय का है। 8 जुलाई को यहां पाकी के विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता जनता की समस्याओं से रूबरू होने के लिए और वहां की प्रमुख गीता देवी के ऑफिस के उद्घाटन समारोह के लिए पहुंचे हुए थे। इस दौरान मौके पर न तो प्रखंड विकास पदाधिकारी पहुंचे हुए थे और न ही अंचल अधिकारी। वहां मौजूद लोगों ने अपनी कई समस्याओं को विधायक के सामने रखा, लेकिन उनकी समस्याओं के समाधान करने के लिए कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। मनातू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील प्रकाश हैं। उनसे संपर्क साधने का भी प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। अंत में विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता उनसे मिलने उनके कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि वे कभी अपने कार्यालय में आते ही नहीं हैं। वे सारे काम अपने आवास से ही करते हैं। इसके बाद विधायक उनके आवास पहुंच गए। वहां उन्होंने जो देखा तो वे दंग रह गए। प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील प्रकाश काम के समय में ही शराब के नशे में थे। इसके साथ ही उनका आचरण भी शर्मसार करने वाला था।
यह सब देखने के बाद विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने कहा कि वे तो जनता की समस्याओं को प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास रखने आए थे, लेकिन जब पदाधिकारी ही नशे में धुत है तो जनता की समस्याओं का समाधान कहां से होगा! उन्होंने यह भी कहा कि यह अधिकारी जनता के सेवक हैं, लेकिन जनता की सेवा करने के बजाय शराब के नशे में डूबे रहते हैं।
इस तरह की घटना देखने के बाद विधायक और उनके लोग वहीं धरने पर बैठ गए। इनकी मांग थी कि जब तक ऐसे प्रखंड विकास पदाधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी तब तक वे लोग धरने से नहीं हटेंगे। इसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी ने आकर कार्रवाई की बात कही। विधायक ने इस मामले पर उपायुक्त और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को भी अवगत कराते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस पूरी घटना के बाद एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें दिख रहा है कि टेबल पर शराब की बोतलें पड़ी हुई हैं और प्रखंड विकास पदाधिकारी शराब के नशे में धुत हैं।
इस घटना से अब आप समझ चुके होंगे कि झारखंड में जनता की समस्याओं का समाधान किस तरह से किया जा रहा होगा। जब प्रखंड विकास पदाधिकारी खुद शराब के नशे में धुत रहेंगे तो उस प्रखंड के विकास का क्या होगा यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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