राज्यपाल द्वारा एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव और विश्वासमत की प्रक्रिया को गलत साबित करने के लिए शिवसेना की ओर से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई है। याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई होगी। बागी गुट के विधायकों को अयोग्य करार देने की नोटिस को चुनौती देने की याचिका पर भी 11 जुलाई को सुनावाई होनी है। उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि न्यायालय का फैसला भारतीय लोकतंत्र का भविष्य तय करेगा।
मातोश्री निवास पर संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब मध्यावधि चुनाव होना चाहिए, उसमें तय होगा कि कौन गलत है और कौन सही। शिवसेना का चुनाव चिन्ह लेने की बात हो रही है, लेकिन शिवसेना का चुनाव चिन्ह कोई नहीं ले सकता। पार्षद और अन्य लोगों के शिवसेना छोड़ने के मसले पर उन्होंने कहा कि ये लोग शिवसैनिक नहीं हैं। शिवसैनिक हमारे साथ हैं। बागी लोग कह रहे हैं कि वे ठाकरे को मानते हैं, हम उनके आभारी हैं लेकिन जो लोग हमारे ऊपर व्यक्तिगत गंदी टिप्पणियां कर रहे थे उनके साथ ये लोग खड़े हैं। कितने भी लोग गए तो भी शिवसेना संगठन चलता रहेगा।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब मध्यावधि चुनाव होने चाहिए, उसमें जनता को फैसला करने दो। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की मांग उठ रही है, इस विषय में हम सांसदों से बातचीत करके निर्णय लेंगे। उन्होंने मीडिया के किसी भी प्रश्न का जवाब देने से इन्कार किया। गौरतलब है कि एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की आशंका जताई है।
टिप्पणियाँ