भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पंजाब के बर्खास्त स्वास्थ्य मन्त्री डॉ. विजय सिंगला को नियमित जमानत मिल गई है। उन्हें उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी। न्यायालय में सिंगला के वकील ने दलील दी कि उनसे कोई बरामदगी नहीं हुई है। वहीं जिस कॉल रिकॉर्डिंग में उनकी आवाज बताई जा रही है, उसके लिए सिंगला ने आवाज का नमूना दे दिया है। इसी वजह से सरकार ने भी विरोध नहीं किया।
पिछली बार सुनवाई में न्यायालय ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। सिंगला के वकील ने कहा था कि उनसे न तो रुपयों की रिकवरी हुई और न ही रिकॉर्डिंग में उनकी आवाज का कोई स्पष्ट सबूत है। इस पर सरकारी वकील यह स्पष्ट नहीं कर सके कि वह जमानत का विरोध कर रहे हैं या नहीं ? हाईकोर्ट ने उन्हें सरकार से पूछने के आदेश देते हुए जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। डॉ. विजय सिंगला की जमानत याचिका पर पिछली सुनवाई में न्यायालय ने सरकारी वकील को समय दिया था। उस वक्त भी सरकारी वकील इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं थे कि वह जमानत का विरोध करते हैं या नहीं। हाईकोर्ट ने उन्हें अपने सरकार से इसके बारे में पूछने को कहा था। हालांकि वह न्यायालय में केस के जांच अफसर को ले गए। न्यायालय की फटकार के बाद सरकारी वकील ने और समय मांगा था। अदालती कार्रवाई के दौरान लगने लगा है कि अपने स्वास्थ्य मन्त्री की गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी की राजनीतिक नौटंकी थी, जिसका उद्देश्य यह सन्देश देना था कि उनकी पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करती।
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद सिंगला स्वास्थ्य मन्त्री बने थे। हालांकि अचानक मुख्यमन्त्री भगवंत मान ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। उन पर आरोप लगे कि सेहत विभाग के हर काम में उन्होंने 1 प्रतिशत कमीशन मांगा था। हालांकि सिंगला का तर्क है कि उनसे न तो कोई रिकवरी हुई और न ही उन्होंने किसी से कोई पैसा मांगा है। वह जांच के लिए अपन वॉयस सैंपल भी दे चुके हैं। सीएम मान ने सिंगला के पैसे मांगने की रिकॉर्डिंग होने और उनके गलती कबूलने का दावा किया था। अब पूरा मामला राजनीतिक नाटक लगने लगा है।
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