मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मानसखण्ड कॉरिडोर के विकास के सम्बन्ध में एक महत्व पूर्ण बैठक लेते हुए सभी जिलाधिकारियों को कहा कि वो मंदिरो के आसपास सुविधाएं बढ़ाने के मास्टर प्लान शासन को भेजे। मुख्य सचिव ने मानस खंड यानि कुमाऊं क्षेत्र के सभी जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण मंदिरों को विकसित करने हेतु सम्बन्धित विभागों को साथ में लेते हुए, क्षेत्रों का भ्रमण कर एक प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि सभी मंदिरों को कैटेगरी में बाँटते हुए, कैटेगरी ‘ए‘ में अतिमहत्त्वपूर्ण मंदिरों एवं पर्यटन स्थलों को रखें। कैटेगरी ‘बी‘ में ऐसे मंदिरों को चयनित किया जाए जिनमें पर्यटन की दृष्टि से काफी अधिक पोटेंशियल है, साथ ही, कैटेगरी ‘सी‘ में अन्य मंदिरों एवं पर्यटक स्थलों को शामिल किया जाए जिसमें भविष्य में कार्य किया जाना है।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को इन क्षेत्रों का मास्टर प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में समस्त प्रकार की अवस्थापना सुविधाओं का ख्याल रखा जाए, जिससे भविष्य में आने वाली समस्याओं से बचा जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि सड़कों का चौड़ीकरण, फॉरेस्ट क्लीयरेंस, पार्किंग की व्यवस्था, बिजली-पानी एवं सफाई की उचित व्यवस्था हेतु प्लान तैयार कर लिए जाएं।
मुख्य सचिव ने चारधाम और मानसखण्ड कॉरिडोर के अन्तर्गत आने वाले ऐसे मंदिरों और पर्यटन स्थलों, जिनमें अत्यधिक श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, के आसपास के क्षेत्रों में नए पर्यटक स्थल विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए ताकि उन मंदिरों एवं पर्यटक स्थलों का दबाव कम हो सके। इससे नए रोजगार भी उपलब्ध होंगे।
मुख्य सचिव ने रोप-वे प्रोजेक्ट्स को भी साथ-साथ शुरू करते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य मंदिरों एवं पर्यटक स्थलों को प्राथमिकता पर लेते हुए कैटेगरी ए में रखते हुए शीघ्र प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु एवं सचिव दिलीप जावलकर, सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त कुमाऊं श्री दीपक रावत एवं सभी सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी सहित अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।
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