उदयपुर के जघन्य हत्याकांड ने पूरे राष्ट्र को झकझोर दिया है। देश भर में जगह-जगह इस घटना का विरोध किया गया, लोग सड़कों पर उतरे, सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश दिखा। कन्हैयालाल की शवयात्रा में कर्फ्यू के बावजूद हजारों लोगों का शामिल होना हिंदू समाज की पीड़ा में एकसाथ खड़े होने की भावना को दर्शा रही है। दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्र ने जब कन्हैयालाल के परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए लोगों से अपील की तो 24 घंटे से कम समय में ही एक करोड़ रुपये से ज्यादा एकत्र हो गए।
जगटन्य हत्याकांड से मर्माहत कवि डॉ. कुमार विश्वास ने लिखा कि दिमाग सुन्न है। उदयपुर की घटना केवल एक इंसान की हत्या नहीं है बल्कि मनुष्यता की हत्या है। मजहबी कट्टरता के खेत में जो जहर सियासत ने बोया, उसके हत्यारे-झाग चौखट तक आ पहुंचे हैं। वक़्त हाथ से निकले, उससे पहले देश को सोचना पड़ेगा। देश की सोचिए, उत्तेजना से बचिए, समय सबका हिसाब करेगा।
डॉ. अजय आलोक ने लिखा कि नृशंस हत्या राजस्थान में दिनदहाड़े हुई, पुलिस को पहले सूचना थी और अशोक गहलोत जी मुख्यमंत्री होकर कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी जी टीवी पर आकर शांति की अपील करें। मोदी जी अगर राष्ट्रपति शासन लगा दें तो 1 दिन में शांति आ जाएगी, ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देना बंद कीजिए नहीं तो आपका घर जलेगा।
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि उदयपुर में बर्बर हत्या कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सरकार की विफलता का सीधा नतीजा है। मैंने पहले भी ट्वीट किया है कि सर कलम करने का आह्वान हत्या के लिए प्रेरित करने के बराबर है। हर राज्य सरकार को ऐसे लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए जिन्होंने ऐसे आह्वान किए हैं। अपराध को ऐसे ही रोका जा सकता है।
परंतु इन्हें है खुशी
उदयपुर हत्याकांड से जहां पूरी मानवता मर्माहत है, वहीं कुछ लोगों को इस पर खुशी भी है। हत्या की खबर सोशल मीडिया पर आने पर कई मुस्लिम नामधारी एकाउंटों से उस पर ठहाके और खुशी के इमोजी लगाए गए हैं। इस पर श्याम अग्रवाल नामक एक ट्विटराइट ने लिखा है कि आज हमें यह बताने के लिए हमारे पास मोहम्मद जुबैर नहीं है कि इन लोगों को ये नहीं मालूम कि यह हंसने की इमोजी है।
रमेश श्रीवत्स ने लिखा कि उदयपुर में सर काटे जाने की घटना को हत्या के रूप में नहीं देखना चाहिए। हत्या व्यक्तिगत होती है। ये व्यक्तिगत नहीं था। यह आस्था और दृष्टिकोण के कारण हुआ। यह राजनीतिक था। राजनीतिक हत्या आतंकवाद है।
भाजपा सांसद और ओलंपिक स्वर्ण विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि उदयपुर की इस नृशंस घटना की जिम्मेदार गहलोत सरकार है। इस सरकार ने करौली दंगा के मुख्य दंगाई को खुला छोड़ा। टोंक में मौलाना ने हिंदुओं की गर्दन उतारने की धमकी दी, कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह हत्यारा भी वीडियो बनाकर नरसंहार की धमकी देता रहा, पर सरकार चुप्पी साधे रही। कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण ने जिहादियों का दुस्साहस इतना बढ़ा दिया है कि वे खुलेआम हिंदुओं की हत्याएं कर रहे हैं, प्रधानमंत्री को धमकी दे रहे हैं। राजस्थान सरकार पूरी तरह से इस आतंकी घटना के लिए जिम्मेदार है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हलसीमुद्दीन कासमी ने घटना की निंदा करते हुए इस घटना को देश के कानून के और धर्म के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा है कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया है उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है।
कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने लिखा कि एक सच्चा हिंदू बने रहना और हिंदू-स्थान में अस्तित्व बचाना असंभव होता होता जा रहा है। अस्तित्व बचाए रखने के लिए या तो अर्बन नक्सल बनना होगा या गुमनाम रहना होगा। या फिर मरना पड़ेगा। रालिव, गालिव, चालिव।
उदयपुर के जघन्य हत्याकांड से राष्ट्रवादी मुसलमान भी मर्माहत हैं। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि यह घटना दरअसल, उस शिक्षा का दुष्परिणाम है जो मदरसों में दी जा रही है। उनका कहना है कि मुस्लिम कानून कुरान पाक से नहीं आया है बल्कि इसे किसी इंसान ने ही लिखा है। इस कानून में ईश निंदा करने वाले का गला काटने की बात कही गई है और यह सब मदरसों में पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर मदरसे ऐसी ही शिक्षा देने पर उतारू हैं तो उन्हें बंद कर दिया जाना चाहिए या मुस्लिम बच्चों को मदरसों के बजाय शुरूआत से स्कूलों में ही भेजा जाना चाहिए।
बांग्लादेशी मूल की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट किया, ”रियाज और गौस ने उदयपुर में एक टेलर कन्हैयालाल की क्रूरता से हत्या कर दी और इसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया। उन्होंने हंसते हुए ऐलान किया कि उन्होंने हत्या की है और अपने पैगंबर के लिए कुछ भी कर सकते हैं। कट्टरपंथी इतने खतरनाक हैं कि भारत हिंदू भी सेफ नहीं हैं।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने लिखा है कि तालिबानी क्रूरता, शैतानी क्राइम •••इन्सानियत, इस्लाम दोनों के दुश्मन हैं। कोई समुदाय, देश, संप्रदाय, संस्कृति ऐसी बर्बरता बर्दाश्त नहीं कर सकता। हमें ऐसी किसी भी साम्प्रदायिक साजिÞश से सावधान रहना होगा जो हिन्दुस्तान की ताकत को तार-तार करने का प्रयास कर रहा है। यासिर जिलानी ने लिखा है कि मैं भारतीय मुसलमान हूं। मैं उदयपुर के जघन्य हत्याकांड से शमिंर्दा हूं! उदयपुर की जघन्य घटना मुझे और पूरी इंसानियत को शर्मसार करती है। राजस्थान की निकम्मी सरकार खुद फैसला ले इस कलंक पर!!
ब्रिटेन निवासी अमजद ताहा ने लिखा कि उदयपुर की हिंसा हिंदुओं को लक्षित कर इस्लामी आतंकवाद प्रतीत होता है। इसकी निंदा करें और आतंकवादियों से जंग में भारत का साथ दें। जिन लोगों ने एक व्यक्ति के कारण भारत का बहिष्कार करने का आह्वान किया था, क्या वे चाहते हैं कि भारतीय आज सभी मुसलमानों का बहिष्कार करें? इसका उत्तर नहीं है। हम एकजुट हैं। मोहम्मद आजम ने लिखा कि उदयपुर में कन्हैयालाल की बर्बर हत्या अक्षम्य है, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। संबद्ध एजेंसियों द्वारा इस घटना की जांच की जानी चाहिए और दोषियों को कानून के अनुरूप दंडित किया जाना चाहिए। इस्लाम में हिंसा का कोई स्थान नहीं है।
मुस्लिम मजहबी नेताओं ने भी इस जघन्य हत्याकांड को मानवता के विरुद्ध बताया है। दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने वीडियो जारी कर कहा है, ‘उदयपुर में क्रूर हत्या ने मानवता को झकझोर दिया है… यह न केवल कायरता का कार्य है, बल्कि गैर-इस्लामिक, अवैध और अमानवीय भी है। सभी भारतीय मुसलमानों की ओर से मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।’
जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हलसीमुद्दीन कासमी ने घटना की निंदा करते हुए इस घटना को देश के कानून के और धर्म के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा है कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया है उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है।
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