यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को 131 दिन हो चले हैं। इस बीच कल के संघर्ष के बाद रूस के रक्षा मंत्री का दावा है कि उन्होंने यूक्रेन के अंतिम बड़े शहर लिसिचांस्क पर कब्जा कर लिया है। इससे पहले लुहांस्क प्रांत के गवर्नर का बयान आया था कि लिसिचांस्क पर रूस की सेना जबरदस्त हमला बोल रही है।
रूस के रक्षा मंत्री के अनुसार उन्होंने कल ही अपने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सैन्य अभियान की सफलता के बारे में सूचित कर दिया है, उन्हें बता दिया है कि लिसिचांस्क पर रूस ने फतह दर्ज कर ली है। उल्लेखनीय है कि पिछले कई सप्ताह से रूस की सेना वहां पर भयंकर गोलाबारी करती आ रही थी, लेकिन यूक्रेन के सैनिक उन्हें जबरदस्त टक्कर दे रहे थे।
हालांकि लिसिचांस्क के पड़ोसी इलाके सिविएरोदोनेत्स्क पर रूस के फौजी पहले ही कब्जा कर चुके थे। 2 जुलाई को पुतिन के सलाहकार ने राष्ट्रपति को बताया था कि बहुत जल्दी लिसिचांस्क पर भी उनका कब्जा हो जाएगा। और इसके अगले ही दिन रूसी सेना के अनुसार उनका लिसिचांस्क पर कब्जा हो गया। हैरानी की बात है कि ये घोषणा अभी एकतरफा ही है क्योंकि यूक्रेन की तरफ से इस नई परिस्थिति पर कोई अधिकृत वक्तव्य नहीं आया है। लुहांस्क के गवर्नर ने 2 जुलाई को यह कहा था कि रूसी सेना शहर पर कब्जा नहीं कर पाई है।
हालांकि अगले ही दिन 3 जुलाई को गवर्नर का बयान था कि रूस की सेना अंतिम इलाके पर कब्जे के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है, उसके हमले तेज हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा था कि रूस ने अपनी ज्यादातर फौज को लिसिचांस्क भेज दिया है। इस इलाके पर कब्जा करने के लिए वे हर तरह की बेरहमी बरत रहे हैं।
इसमें संदेह नहीं है कि वहां हालात चुनौतीपूर्ण हैं और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी भी पसोपेश में है कि आखिर वहां चल क्या रहा है। हालांकि रविवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह जरूर कहा था कि 4 जुलाई को तय हो जाएगा कि लिसिचांस्क में क्या हुआ है। उल्लेखनीय है कि रूस यूक्रेन के साथ रहे दो प्रांतों लुहांस्क और दोनेत्स्क को बहुत पहले आजाद घोषित कर चुका है।
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