— दक्षिणेश्वर प्रसाद राय
नेपाल के तराई इलाकों में हुई बारिश के कारण बिहार का अररिया जिला बाढ़ का दंश झेल रहा है। नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र से पानी छोड़ने के कारण अररिया जिले की सभी नदियां उफान पर हैं। फलस्वरूप इस जिले के सिकटी, फारबिसगंज, पलासी, नरपतगंज सहित कई प्रखंडों के सैकड़ों गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। पानी के तेज बहाव के कारण कई स्थानों पर सड़कें टूट गयी हैं।
नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से सिकटी प्रखंड की पड़रिया पंचायत के घोड़ा चौक से सिंधिया जाने वाली सड़क दो जगह लगभग 25-30 फीट कट गई है। फलस्वरूप कई इलाकों में नदी का पानी फैल गया है। नूना नदी के अलावा लोहंदरा, परमान, बकरा, रतुआ, सुरसर आदि नदियां भी उफान पर हैं और लगातार इन नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। कुर्साकांटा के रहटमीना, सौरगांव, तमकुड़ा, पलासमणी समेत कई गांवों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है। परमान और बकरा नदी के जलस्तर में 15 से 20 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। नदियों के रौद्र रूप के कारण तटीय इलाकों के ग्रामीण खौफजदा हैं। फलस्वरूप बाढ़ प्रभावित इलाके से लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
अररिया जिले के सिकटी, पलासी, फारबिसगंज, नरपतगंज के कई निचले इलाकों में नदी का पानी प्रवेश कर जाने के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इससे आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। लोग सामान और माल—मवेशियों को लेकर ऊंचे या सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। कई स्थानों पर लोग माल—मवेशियों को यूं ही घर में छोड़कर जान बचाने के लिए सुरक्षित ठिकाने पर चले गए हैं। लगातार नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण निचले इलाकों में रहने वाले ग्रामीण खौफजदा है। जिले के सैकड़ों परिवार घर—द्वार छोड़कर विस्थापन की जिंदगी जी रहे हैं।
फारबिसगंज में कोसी नदी, परमान नदी अपने रौद्र रूप को दिखा रही है। अधिकारी बाढ़ क्षेत्र का जायजा ले रहे हैं, लोगों को सतर्क कर रहे हैं। बाढ़ ने एक बार फिर जिले में तांडव मचाना शुरू कर दिया है। नेपाल सीमा से सटे जोगबनी, मीरगंज, अमोना गाँव में बाढ़ ने फसल और मवेशियों को अपने आगोश में ले लिया है। फारबिसगंज की चार पंचायतें बुरी तरह प्रभावित हैं। ग्रामीण घर—द्वार छोड़ कर ऊँचे स्थान पर जाने को मजबूर हैं। गाँव वाले की सुध लेने मौके पर पहुंचे अंचलाधिकारी व बाढ़ क्षेत्र का दौरा करने आए अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह की गाड़ी भी पानी के तेज बहाव के कारण आगे नहीं जा सकी। जिस वजह से उन्हें वापस और अन्य पंचायतों में जाना पड़ा। दरअसल जिले में परमान, बकरा, कनकई, नुना, भलवा, रतवा जैसी नदियां उफान पर हैं। जिले के सिकटी, फारबिसगंज, नरपतगंज, पलासी, जोकीहाट में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसी को लेकर सांसद प्रदीप कुमार सिंह फारबिसगंज प्रखंड के अमहारा गांव पहुंचे जहां उन्हें काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा, क्योंकि सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा था। जहां उन्हें पहुंचना था उस जगह वे नहीं पहुंच पाए, उन्हें रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि स्थिति का जायजा लिया जा रहा है और सारी बातें जिला पदाधिकारी को बताई जाएगी, ताकि जहां सड़क मरम्मत या बचाव कार्य या फिर सहायता की जरूरत है वहां लोगों तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि शिकायतें मिली हैं कि कई अधिकारी अपने कार्य को ठीक से अंजाम नहीं दे रहे हैं। इसलिए सभी को निष्ठा से अपने कार्य को अंजाम देना होगा। उन्होंने कहा कि मैं सरकार और जिला प्रशासन से बात करूंगा, ताकि क्षेत्र में स्थिति सामान्य हो सके और बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत मिल सके।
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