पाकिस्तान ने कल इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को उन भारतीय लोगों की एक सूची सौंपी है जो पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में कैद हैं। इस सूची में कुछ 689 भारतीयों के नाम हैं जिनमें से 49 आम नागरिक हैं तो 633 मछुआरे।
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच साल में दो बार एक सूची का आदान—प्रदान किया जाता है जिनमें एक दूसरे की जेलों में कैद एक दूसरे के कुल नागरिकों की जानकारी दी जाती है। इस आशय का 2008 में एक समझौता किया गया था, तबसे यह चलन चला आ रहा है। राजनयिक स्तर पर भारत और पाकिस्तान इस सूची पर गौर करके अपने नागरिकों की ताजा स्थिति की जानकारी लेते हैं।
कांसुलर एक्सेस के संबंध में दोनों देशों के बीच 2008 के इस समझौते के तहत हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को दोनों पक्ष ऐसी सूचियों को आपस में साझा करते आए हैं।
भारत द्वारा पाकिस्तान को सौंपी गई सूची के अनुसार, भारत की विभिन्न जेलों में 309 पाकिस्तानी नागरिक तथा 95 मछुआरे कैद हैं।
भारत ने पड़ोसी देश को स्पष्ट कहा है कि पाकिस्तान हिरासत में कैद सभी कैदियों को जल्दी से जल्दी भारत वापस भेजने की कार्रवाई की जाए। भारत ने लापता भारतीय सुरक्षाकर्मियों तथा मछुआरों को उनकी नावों के साथ जल्दी रिहा करने की अपील की है। भारत ने कहा है कि उन 536 मछुआरों और तीन आम नागरिकों को जल्दी ही रिहा किया जाए, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है। भारत ने इन नागरिकों की नागरिकता संबंधी तमाम जानकारी पाकिस्तान के सुपुर्द कर दी है।
परदेस के कैद कैदियों से उनकी कुशलक्षेम पूछने के लिए भारत ने पड़ोसी देश को उन तक काउंसुलर एक्सेस देने की अपील की है। इनमें करीब 105 मछुआरे और 20 आम भारतीय कैदी शामिल हैं। ये फिलहाल पाकिस्तान में कैद हैं और यह पुख्ता किया जा चुका है कि ये भारतीय ही हैं। हालांकि अभी 57 कैदियों की नागरिकता की पुष्टि नहीं हुई है जिनके बारे में भारत ने पाकिस्तान से अविलंब उनकी नागरिकता स्पष्ट करने को कहा है।
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