पंजाब में कमजोर आम आदमी पार्टी की सरकार के कारण आतंकियों व गैंगस्टरों के हौसले दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को तो खालिस्तानी तत्वों ने पंजाब पुलिस को ही सीधी चुनौती दे डाली । आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने खालिस्तानी समर्थकों से पंजाब सशस्त्र बल (पीएपी) परिसर में दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखवा दिए।
इतना ही नहीं इसकी वीडियोग्राफी करवाने के बाद विदेश में बैठे पन्नू ने इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जारी करते हुए धमकी दी है। आतंकी ने धमकी दी है कि जिन हाथों से दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखवाए गए हैं, वह रॉकेट लॉन्चर भी चलाना जानते हैं। हम चाहते तो वह भी चला देते। आज जो काम किया है, यह रेफरेंडम का हिस्सा है। पन्नू ने कहा कि जिस पीएपी की दीवार पर आज खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखवाए गए हैं, यह वही स्थान है जहां पर खालिस्तान की बब्बर फोर्स के मुखिया जनरल लाभ सिंह ने सिखों के कातिल रिबैरो पर गोलियां चलाई थीं।
पन्नू ने कहा कि इस बार 26 जनवरी को खालिस्तान के लिए मतदान होगा। सिखों से कहा कि वह 4 जुलाई 1955 का दिन न भूलें। उस दिन भी सिखों पर हमला हुआ था। पीएपी के आईजी अश्विनी कुमार ने श्री हरिमंदिर साहिब पर पहली बार कार्रवाई की थी। सिख 4 जुलाई को अपने अपने-अपने नजदीकी गुरुघरों में खालिस्तान की मुहिम की सफलता के लिए दुआ करें। उसने मुख्यमंत्री भगवंत मान व विधायक मनदीप सिंह सिद्धू को चेतावनी दी।
पन्नू ने कहा कि उन्होंने संगरूर में उनके नारे लिखने वाले कुछ लोगों को पकड़वाया है। भगवंत मान व मनदीप ने ऐसा करके ठीक नहीं किया है। पीएपी कॉम्प्लेक्स की जिस दीवार पर स्लोगन लिखे गए हैं, वह एक नम्बर गेट है और वहां से तमाम पुलिस अधिकारी अपनी गाड़ियों से आते-जाते हैं।
पंजाब पुलिस के पीएपी परिसर के बाहर गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा खालिस्तानी नारे लिखवाना पुलिस की निगरानी पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। हालांकि मीडिया को जब भनक लगी और पत्रकार मौके पर पहुंचे तो पहले ही पुलिस मुलाजिमों ने स्लोगन पर नीले रंग से पेंट कर दिया था लेकिन इस घटना के बाद पंजाब सरकार व पुलिस की किरकिरी हो रही है।
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