पश्चिमी देशों के गुट ‘नाटो’ ने चीन को सुरक्षा के लिए एक चुनौती बताया है। उसने यह चेतावनी मैड्रिड में जारी अपनी बैठक में दी है। अगले दशक की अपनी रणनीति के संदर्भ में चीन को खतरा मानते हुए एक खाका भी जारी किया गया। चीन ही नहीं, नाटो ने रूस पर भी निशाना साधते हुए सैन्य संगठन की सुरक्षा तथा शांति के लिए उसे ‘सबसे बड़ा खतरा’ बताया है।
नाटो ने संभवत: पहली बार चीन को अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं में से एक के तौर पर लिया है। पश्चिमी देशों के इस गठजोड़ ने ताइवान के संदर्भ में साफ कहा है कि चीन की महत्वाकांक्षा तथा नीतियां पश्चिमी देशों के हितों, सुरक्षा तथा मूल्यों के लिए चुनौती बन गई हैं।
अगले दस साल का खाका सामने रखते हुए नाटो ने चीन को अपना रवैया ठीक करने की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि चीन के ताइवान के प्रति उग्र तेवरों को देखते हुए नाटो देशों ने चीन को इतना अधिक रणनीतिक महत्व पहली बार दिया है। मैड्रिड में चल रही अपनी बैठक में नाटो गुट की तरफ से कहा गया है कि चीन की अपने को बढ़ाते जाने और दूसरों के लिए सिरदर्द बनने की नीतियां पश्चिमी देशों के हितों, हिफाजत और मूल्यों के लिए चुनौती बन गई हैं।
जैसा कि विशेषज्ञ मान रहे थे, कि अगले दस साल के काम के अपने खाके में नाटो चीन को लेकर साफ शब्दों में अपनी चेतावनी दर्ज कराएगा, वैसा ही हुआ। चीन ही नहीं, नाटो ने रूस को भी सस्ते में नहीं बख्शा है। खाके में रूस के विरुद्ध कड़े शब्द प्रयोग किए गए हैं।
रूस पर टिप्पणी करते हुए नाटो ने कहा कि रूस से नाटो देशों की शांति तथा सुरक्षा को प्रत्यक्ष खतरा है। नाटो का यह भी कहना है कि अपनी फौज के संदर्भ में चीन की महत्वाकांक्षा, ताइवान के साथ बेवजह तनाव पैदा करने वाले उसके बयान और इसी के साथ मॉस्को के साथ बढ़ती उसकी नजदीकी एक ‘व्यवस्थित चुनौती’ बन गई है।
नाटो के महासचिव ने बयान दिया कि चीन अपनी सेना का विस्तार करता जा रहा है। परमाणु हथियारों की तादाद और पड़ोसी देशों को धमकाने जैसा रवैया, फिर आधुनिक तकनीक के सहारे अपने नागरिकों की जासूसी करना, रूस के दुष्प्रचार और दूर तक फैलाना जैसे चीजें चीन की असली सूरत सामने रखती हैं।
हालांकि नाटो महासचिव का यह कहना भी कम महत्वपूर्ण नहीं है कि ‘चीन हमारा शत्रु नहीं है, लेकिन हमें उसकी तरफ से मिल रहीं गहन चुनौतियों को लेकर साफ रवैया रखना होगा’।
नाटो के इस कदम के बाद, संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि ने भी नाटो को चेतावनी दे डाली। उसने कहा कि नाटो यूक्रेन युद्ध की आड़ में गुटों में टकराव या नए शीतयुद्ध को बढ़ावा देने की कोशिश न करे। यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने भाषण में चीनी प्रतिनिधि ने कहा कि यूक्रेन संकट ने एक बार फिर से विश्व के लिए खतरे की घंटी बजाई है। नाटो जैसे सैन्य गठजोड़ का विस्तार और दूसरे देशों की सुरक्षा को ताक पर रखकर अपनी सुरक्षा की चिंता करने से धुंधलाहट ही पैदा होगी।
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