सुयश सिंह
ट्विटर पर लगातार कई दिनों से ट्रेंड कर रहा है #HindusUnderAttackInIndia… हिंदुस्तान में हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल और गुजरात से लेकर बंगाल तक कट्टरपंथी अपनी हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। मई में कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग की कई घटनाएं हुईं। इसमें सात लोगों को मार दिया गया। जून की 2 तारीख को टारगेट किलिंग के मामले सामने आए। दो जून को ही दो हिंदुओं को मारने की खबर आई। हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मामले में बंगाल भी पीछे नहीं है। बंगाल में चुनाव के बाद से ही टारगेट किलिंग का सिलसिला तेजी से शुरू हो गया। बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग उठती रहती है। हिंदुओं की लिंचिंग पर न केवल मुख्यधारा का मीडिया बल्कि कथित लिबरल और सेकुलर शांत रहते हैं, क्योंकि उनका नाम तबरेज, अखलाक नहीं होता है ?
चन्दन गुप्ता – कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में मारे गए अभिषेक उर्फ चंदन गुप्ता शायद ही किसी के जेहन से निकले। अभी हाल ही में दिल्ली में हुए प्रदर्शनों में इनका नाम एक बार फिर सामने आया था। चंदन का अपराध सिर्फ ये था कि वे 26 जनवरी के मौके पर विहिप और एबीवीपी की तिरंगा यात्रा में शामिल थे। जहाँ मुस्लिम बहुल इलाके में उन पर छत से गोली चला दी गई। घटना में चंदन की मौत हो गई।
अंकित सक्सेना – मुस्लिम महिला मित्र के परिवार वालों ने जिसे दिल्ली के टैगोर गार्डन की एक गली में सबके सामने मौत के घाट उतारा, उस अंकित को भुला पाना नामुमकिन है। साल 2018 की 1 फरवरी की वो घटना जिसमें दिल्ली सरकार ने खूब राजनीति की रोटियां सेंकी थी। उसमें मुस्लिम लड़की ने खुद बताया था कि उसके परिवारवालों ने उसके प्रेमी अंकित को मारा।
रिया गौतम – साल 2017 में दिल्ली में रहकर एयर होस्टेस की ट्रेनिंग ले रही रिया गौतम की हत्या की गई। इस वारदात को अंजाम देने वाले का नाम आदिल था। रिया का जुर्म सिर्फ़ ये था कि वह आदिल की पड़ोसी थी और उसकी उससे कई साल से दोस्ती थी। लेकिन एक दिन उसने आदिल से मिलने से मना कर दिया जिसके बाद आदिल ने उसे चाकू से गोद डाला। इस मामले में पुलिस ने आदिल के साथ उसके 2 दोस्तों को भी गिरफ्तार किया था। जिनका नाम जुने सलीम अंसारी और फाजिल राजू अंसारी था।
कमलेश तिवारी – हिंदुत्व का झंडा बुलंद कर कट्टरपंथियो के ख़िलाफ मुखर होकर बोलने वाले हिंदू नेता कमलेश तिवारी की मौत ने साल 2019 में सबको झकझोर दिया। जब जांच हुई तो इसके पीछे न केवल एक लंबी साजिश का खुलासा हुआ बल्कि कट्टरपंथियों की उस हकीकत का भी जो अमदाबाद से लेकर यूपी तक फैली थी।
अंकित शर्मा – उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के दौरान IB के अंकित शर्मा की निर्मम तरीके से हत्या हुई थी। उन पर 400 बार चाकुओं से हमला हुआ था। करीब 6 लोगों ने 2 से 4 घंटे तक उन्हें गोदा था।
महाराज कल्पवृक्ष गिरी, सुशील गिरी, निलेश तेलगड़े – महाराष्ट्र के पालघर में मारे गए वो दो साधु और उनका ड्राइवर, जिन्हें एक भीड़ ने पुलिस की उपस्थिति में मार डाला। सेकुलर लोग इस घटना पर ढाँढस बंधाकर शांत रहने का काम करते दिखे। जो मुस्लिमों को पीड़ित देखकर देश के लोकतंत्र को खतरे में बताने लगते हैं।
राजस्थान के उदयपुर निवासी कन्हैयालाल के 8 वर्ष के बेटे ने गलती से नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। पोस्ट कुछ कट्टरपंथियों ने देखी तो वे कन्हैयालाल के दुश्मन बन गए। आरोपी रियाज ने 17 जून को ही एक वीडियो जारी करके कन्हैया को मारने की धमकी दी थी। बताया जा रहा है कि कन्हैयालाल ने पुलिस से शिकायत भी की थी।
हैरान करने वाली बात यह भी है कि आरोपी मोहम्मद रियाज ने 17 जून को ही कन्हैयालाल को मारने की धमकी दी थी। यह वीडियो उदयपुर में सोशल मीडिया और वॉट्सएप ग्रुप्स में वायरल था। आरोपी खुलेआम घूम रहे थे और कन्हैया लाल की हत्या की साजिश रच रहे थे।
हिंदुस्तान में ही हिंदुओं को कई साल से निशाना बनाया जा रहा है। कन्हैया कि हत्या तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम है। हिंदुओं के मन में आक्रोश सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है।
(लेखक सोशल मीडिया विशेषज्ञ हैं)
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