बहुमत सिद्ध करने के आदेश को शिवसेना ने न्यायालय में दी चुनौती

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दिलीप धारूरकर

महाराष्ट्र के महाविकास आघाडी सरकार अल्पमत में है और इस सरकार को राज्यपाल ने 48 घंटे में बहुमत सिद्ध करने का आदेश आज सुबह दे दिया है। इस आदेश के विरोध में शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। इस याचिका पर न्यायालय में आज शाम को सुनवाई होगी।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेन्द्र फडणवीस मंगलवार रात दिल्‍ली से आते ही राजभवन गए। उनके साथ विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी थे, जहां राज्यपाल से बहुमत सिद्ध करने के निर्देश देने की मांग को लेकर पत्र सौंपा था।

राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी ने बुधवार सुबह मुख्यमंत्री कार्यालय को 48 घंटे में बहुमत सिद्ध करने के आदेश पत्र भेजा है। साथ ही राज्यपाल ने विधानमंडल के प्रधान सचिव को विधानसभा का विशेष अधिवेशन बुलाने के निर्देश दिए। इसके तुरंत बाद शिवसेना की ओर से दिल्‍ली में वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उच्चतम न्यायालय में राज्यपाल के आदेश के विरोध में याचिका दायर की है। इस याचिका पर न्यायालय बुधवार शाम को सुनवाई करेगा।

बागी विधायकों को अवैध करार देने की याचिका पर सुनवाई के दौरान जब फ्लोर टेस्ट की बात आई थी तो न्यायालय ने कहा था कि अगर ऐसा विषय आता है तो न्यायालय के दरवाजे खुले हैं। इधर आज सुबह एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के घर महाविकास आघाडी की बैठक हुई, जिसमें राज्यपाल के आदेश पर विचार किया गया। इस बैठक में केवल कांग्रेस और एनसीपी के नेता उपस्थित थे। शिवसेना का कोई नेता इस बैठक मे नहीं था।

मंगलवार को गवर्नर से मिलने के बाद राजभवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि हमने राज्यपाल को बहुमत सिद्ध कराने की मांग वाला पत्र मेल किया है। शिवसेना के कुछ विधायक बार-बार कह रहे हैं कि हम शिवसेना में हैं, लेकिन महाविकास आघाडी सरकार को हमारा समर्थन नहीं है। इससे यह स्पष्ट है कि यह सरकार अल्पमत में है और सरकार को बहुमत सिद्ध करना ही उचित है। शिवसेना के बागी गुट के खेमे में शिवसेना के लगभग 40 और 10 निर्दलीय विधायक दाखिल होने से महाविकास आघाडी को बहुमत सिद्ध करना लगभग नामुमकिन है।

उद्धव ठाकरे बहुमत के फ्लोर टेस्ट के पहले इस्तीफा देने के पक्ष में हैं ऐसा कहा जा रहा है। अपने विधायकों का विरोध में मतदान करने का दृष्य देखने को ठाकरे तैयार नहीं हैं, इसलिए वे पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। बहुमत सिद्ध करने के लिए विधानसभा अधिवेशन बुलाए जाने की संभावना को देखकर गुवाहाटी स्थित शिवसेना के बागी विधायक आज कामाख्या देवी के दर्शन कर वहां से मुंबई के नजदीक गोवा की तरफ जाने की खबर है।

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