पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए ग्रुप सी और ग्रुप डी में शिक्षकों की नियुक्ति में हुए भ्रष्टाचार के मामले में अब वित्तीय भ्रष्टाचार की जांच प्रवर्तन निदेशालय ने शुरू कर दी है। ईडी ने दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। एजेंसी ने इस संबंध में अब तक पांच लोगों से पूछताछ कर ली गई है और कई महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लगे हैं. इसके बाद ही प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अब इसकी जांच की प्रक्रिया शुरू हुई है। खबरों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर पैसों का लेन—देन हुआ है। इसमें सरकारी अधिकारी, नेता और मंत्री स्तर के लोग शामिल रहे। इसी के मदृदेनजर प्राथमिकी दर्ज कर पूछताछ शुरू की गई है। बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद ही इस मामले की सीबीआई जांच की जा रही है। सीबीआई ने जांच के लिए राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और शिक्षा राज्य मंत्री परेशचंद्र अधिकारी को तलब किया था।
मंत्रियों से सीबीआई ने की थी पूछताछ
हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है। इसमें तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित उनके सहयोगी रहे कई वरिष्ठ अधिकारी निशाने पर हैं। ग्रुप सी और ग्रुप डी में 1002 ऐसे लोगों की नियुक्ति हुई है, जिन्होंने या तो परीक्षा नहीं दी या पास नहीं हुए। इन सभी को नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश हाईकोर्ट ने पहले ही दे दिया है। इस मामले में मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी की नौकरी जा चुकी है।
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