जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) की ओर से आयोजित सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोपों के बाद बीते दिनों उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने जांच की घोषणा की थी। उन्होंने 15 दिन में समिति को जांच करने के आदेश दिए थे। उधमपुर में शेर-ए-कश्मीर पुलिस अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में कहा था कि अभी तक की गई किसी भी भर्ती पर कोई उंगली नहीं उठाई गई है। लेकिन अगर लोगों के मन में आशंका है, तो प्रशासन का कर्तव्य है कि वह निष्पक्ष जांच करे। अगर परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली हुई होगी, तो पूरी प्रक्रिया को रद्द किया जाएगा। साथ ही इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद अब भर्ती परीक्षा में धांधली मामले की जांच कर रही समिति के हाथ गड़बड़ी के कुछ सुबूत लगे हैं। इसे देखते हुए पूरी भर्ती परीक्षा रद्द की जा सकती है। प्रशासन जल्द ही इस बारे में कोई निर्णय ले सकता है।
गौरतलब है कि जांच समिति ने पहले सौ स्थान पाने वाले अभ्यर्थियों में 50-60 को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थी समिति की ओर से पूछे गए सवालों का सही जवाब नहीं दे पाए। पूरी धांधली में अर्धसैनिक बलों से जुड़े एक सेनि अफसर, एक नेता की सुरक्षा में लगे कर्मी का नाम सामने आया है, जो इन दिनों भूमिगत हैं। गौर करने वाली बात है कि भर्ती परीक्षा कराने वाली एजेंसी की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।
समिति कर रही गहन जांच
खबरों के अनुसार जांच समिति हर स्तर पर गहनता से जांच कर रही है। भर्ती परीक्षा का रिकॉर्ड खंगालने के साथ ही परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों को भी बुलाकर गहन पूछताछ की है। एक ही परिवार के दो या दो से अधिक लोगों के चयनित होने के मामले में भी समिति ने पूछताछ की है। खबर यह भी है कि एसआई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने की भी आशंका व्यक्त की जा रही है। ऐसे में पेपर के बदले करोड़ों रुपये का खेल हुआ है। बता दें कि अभी गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरके गोयल जांच समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं।
जांच एजेंसी को सौंपा जा सकता है मामला
जांच समिति की सिफारिशों के आधार पर प्रशासन पूरे मामले की जांच किसी जांच एजेंसी को सौंप सकती है। खबर है कि जांच एजेंसी को विभिन्न इलाकों में कार्रवाई करने और गिरफ्तारी का भी अधिकार होगा।उल्लेखनीय है कि जेकेएसएसबी ने 27 मार्च को सब-इंस्पेक्टर के 1200 पदों पर लिखित भर्ती परीक्षा करवाई थी, जिसका परिणाम चार जून को जारी किया गया था। परिणाम आने के बाद से ही अभ्यर्थी धांधली का आरोप लगाने लगे।
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