महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों को वापस आ कर चर्चा करने का आवाहन किया था उसे बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा- अब चर्चा करने का समय निकल चुका है। हमने कई बार आप के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा करने की कोशिश की लेकिन सफल नही हो सके ऐसा कहा है।
बागी विधायक गुट में शामिल शिक्षा मंत्री बच्चू कडू कल सुबह गवर्नर को सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव देने वाले हैं। मीडिया में सूत्रों के हवाले यह समाचार दिया जा रहा था। बच्चू कडू प्रहार पार्टी के नेता है और उन के विधानसभा में दो विधायक है। सूत्रों ने कहा है कि, आमावास्या खतम होने के पश्चात वे अविश्वास प्रस्ताव गवर्नर को देंगे।
एकनाथ शिंदे ने कहा है कि एकतरफ आपके पुत्र और प्रवक्ता ने बालासाहब ठाकरे के शिवसैनिकों को सूअर, नाली की गंदगी, कुत्ता, जाहील, डेड बॉडी जैसे नाम दिए हैं। दूसरी तरफ हिंदूविरोधी महाविकास आघाडी सरकार बचाने के लिए इन्ही विधायकों को सुलह करने के लिए चर्चा करने के लिए आप का बुलाना इसका क्या अर्थ निकाला जाए ?
महाराष्ट्र के मंत्रीपरिषद की आज उद्धव ठाकरे ने बैठक ली। उस में पुलिस भर्ती और पुलिस को घर देने को ले कर कुछ निर्णय किए गए। बुधवार को भी मंत्रीपरिषद की बैठक बुलाई गयी है। उस मे औरंगाबाद का नाम बदलने कहो ले कर कुछ प्रस्ताव चर्चा के लिए आनेवाले हैं ऐसा संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने मीडिया को बताया।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राऊत ने अलीबाग में एक कार्यक्रम में बागी विधायकों की कडी आलोचना की। गुवाहाटी में विधायक किसी दबाव में गए हैं ऐसा आरोप संजय राऊत ने लगाया। जिसके बाद बागी विधायक और मंत्री उदय सामंत ने इस आरोप को गलत बताया और कहा- सारे विधायक बिना किसी दबाव अपनी इच्छा से गुवाहाटी में आए हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता देवेन्द्र फडणवीस आज दिल्ली में थे। उन्होने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के राजनीतिक स्थिती पर चर्चा की। उनके साथ महेश जेठमलानी भी थे।
वहीं महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार से पांच दिनों में निकाले गए सरकारी आदेशों की जानकारी मांगी। 5 दिन में 288 आदेश निकाले गए। 17 जून को 160, 20 जून को 28, 21 जून को 66, 22 जून को 44, 23 जून को 43 आदेश निकाले गए। इसकी जानकारी देने के लिए गवर्नर ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं।
वही अब तेज गती से अनेक लंबित विषयों पर निर्णय लेने का दौर उद्धव ठाकरे ने शुरू किया है। नई मुंबई के हवाई अड्डे को दि. बा. पाटील का नाम देने का सुझाव स्वीकार करने की तैयारी मुख्यमंत्री ने मांग करनेवाले समूह को दिखाई।
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