जम्मू-कश्मीर स्थित राजौरी में हाल में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था। पुलिस ने दो जिहादियों की गिरफ्तारी के साथ मामले को सुलझाने का दावा किया है। हालांकि मुख्य आरोपी की तलाश अब भी जारी है। जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह के अनुसार गिरफ्तार किए गए आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर पांच आईईडी सहित विस्फोटक सामग्री का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया गया है। उल्लेखनीय है कि राजौरी के कोटराना शहर में 26 मार्च और 19 अप्रैल को विस्फोट हुए थे, जिसमें दो लोग घायल हो गए थे। 24 अप्रैल को राजौरी के शाहपुर-बुधल इलाके में हुए एक अन्य विस्फोट में भी दो लोग घायल हो गए थे।
खुफिया सूचना के आधार पर दबोचा
एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर राजौरी पुलिस तथा 60 राष्ट्रीय राइफल्स (14 सेक्टर) के संयुक्त टीमों ने लार्कोती, टार्गैन, जग्लानू और द्राज के इलाकों में छापे मारे और तलाशी अभियान चलाए। इस दौरान दो संदिग्ध मोहम्मद शबीर और मोहम्मद सादिक को गिरफ्तार किया गया है जो द्राज-बुधाल गांव के हैं। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि इन धमाकों में द्राज-बुधाल गांव के तालिब शाह, शब्बीर और सादिक का हाथ था।
पाकिस्तान के इशारे पर कर रहे थे काम
तीनों जिहादी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारों पर काम कर रहे थे और इन्हें हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक दिए गए थे। जिनका इस्तेमाल धमाकों को अंजाम देने में किया। पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच के दौरान सामने आया कि इस समूह का नेतृत्व शाह कर रहा था, जिसने जनवरी, मार्च और अप्रैल के महीनों में लांबेरी-कालाकोट क्षेत्र से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक की तीन खेप प्राप्त की थी।
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