पिछले सप्ताह तालिबान में आए जबरदस्त भूकंप और उसमें एक हजार से ज्यादा लोगों की जान जाने के बाद भारत सहित दुनिया भर के देशों ने मानवीय सहायता भेजी है। लोगों के लिए खाद्य सामग्री, दवाएं, कपड़े आदि लिए अनेक विमान अब तक वीरान पड़े खोस्त हवाई अड्डे पर लगातार उतर रहे हैं।
लेकिन इस भूकंप को तालिबान ने अपने ही तरीके से ‘भुनाने’ की चाल चली है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त माह में अमेरिकी फौजों के अफगानिस्तान से निकल जाने के बाद, वहां की गनी सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद तालिबान लड़ाके वहां की सत्ता पर काबिज हुए थे। उसके बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान को मिलने वाले तमाम फंड जब्त कर दिए थे और राहत राशि भेजने प प्रतिबंध लगाते हुए अन्य वित्तीय पाबंदियां लगा दी थीं, जो आज भी जारी हैं। अब भूकंप में ‘पीड़ितों की मदद’ के नाम पर तालिबान लड़ाका सरकार ने फ्रीज फंड जारी करने की गुहार लगाई है।
इस बाबत तालिबान के विदेश मंत्री मुल्ला अमीर खान मुत्तकी ने कहा है कि इस मुश्किल घड़ी में वह अमेरिका से अफगानिस्तान की जब्त किए हुए पैसे को जारी करने और अफगानी बैंकों पर लगाए प्रतिबंधों को हटाने की मांग करते हैं।
हाल ही में तालिबान ने अमेरिका से अफगानिस्तान के फंड जारी करके अफगानिस्तान की सबसे भयंकर त्रासदी से निपटने में मदद करने की अपील की है। जैसा पहले बताया, इसके लिए उसने देश पर लगाए गए सभी वित्तीय प्रतिबंधों को हटा देने को कहा है। मुल्ला मुत्तकी ने काबुल में पत्रकारों के सामने बयान दिया कि वे अमेरिका से अपील करते हैं कि अफगानी बैंकों पर लगाए गए प्रतिबंध हटाएं जाएं। मुत्तकी ने कहा कि जिससे कि अफगानिस्तान की राहत संस्थाओं को भूकंप पीड़ितों की मदद करने में आसानी हो।
पीटीआई ने खबर दी है कि गत फरवरी में 9/11 की घटना के पीड़ितों और मानवीय सहायता के लिए फ्रीज किए फंड का पैसा वितरित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के 9 अरब डॉलर से ज्यादा फ्रीज किए पैसे में से 7 अरब अमेरिकी डॉलर मुक्त कर देने के आदेश पर दस्तखत किए थे।
उधर संयुक्त राष्ट्र से भी मदद की खेप अफगानिस्तान पहुंच रही हैं। वहां से भी तालिबान के साथ मिलकर भूकंप पीड़ित परिवारों की मदद की जा रही है। अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी प्रांत खोस्त में गत बुधवार को आए 5.9 तीव्रता के भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान देखने में आया है।
संयुक्त राष्ट्र ने बयान जारी करके कहा है कि अपुष्ट समचारों के अनुसार, भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित छह में से तीन जिलों में 700—800 परिवार आसमान के नीचे खुले में रहने को मजबूर हैं। तालिबान द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से भूकंप से 1,150 लोग मारे गए हैं और करीब 1,600 घायल हुए। वहां लगभग 3,000 घर टूट चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र की बाल कल्याण संस्था ‘यूनिसेफ’ कहना है कि मरने वालों में करीब 121 बच्चे थे। हालांकि भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। उधर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैराइन पियरे के अनुसार, अमेरिका इस पर विचार कर रहा है कि अफगान फंड का किस तरह उपयोग किया जाए। अमेरिका पक्का करना चाहता है कि इस पैसे से तालिबान लड़ाकों की बजाय, अफगानिस्तान की आम जनता को लाभ पहुंचे।
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