कट्टरपंथी राजनीति का चेहरा माने जाते हैं सिमरनजीत सिंह मान, संसद में तलवार ले जाने की कर चुके हैं जिद
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कट्टरपंथी राजनीति का चेहरा माने जाते हैं सिमरनजीत सिंह मान, संसद में तलवार ले जाने की कर चुके हैं जिद

खालिस्तानी आतंकियों को स्वर्ण मंदिर से निकालने के लिए चलाए ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में इस्तीफा दे दिया था

by राकेश सैन
Jun 26, 2022, 07:50 pm IST
in पंजाब
सिमरनजीत सिंह मान

सिमरनजीत सिंह मान

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पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव जीते अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान खालिस्तान समर्थक व कट्टरपंथी राजनीति का चेहरा माने जाते हैं। वे खुलकर खालिस्तान का समर्थन करते हैं और उनके चुनाव जीतने से राज्य की राजनीतिक में एक बार फिर से कट्टरपंथी तत्वों के हावी होने की आशंका जताई जाने लगी है।

77 साल के सिमरनजीत सिंह मान अपने राजनीतिक करियर में तीसरी बार रूक्क चुने गए हैं। उन्होंने उपचुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को हराकर धमाकेदार जीत दर्ज की। संगरूर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का गृह जिला है और यह सीट उनके इस्तीफे के बाद ही खाली हुई थी। यहां से आप के उम्मीदवार गुरमेल सिंह को मिली शिकस्त से पार्टी को तगड़ा झटका लगा है।

सिमरनजीत सिंह मान आईपीएस अधिकारी रहे हैं। उन्होंने 1966 में सिविल सेवा परीक्षा दी और इसके बाद 1967 में वह भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुने गए। उन्हें पंजाब कैडर मिला। वे लुधियाना, फरीदकोट, तरनतारन सहित कई जिलों में एसपी व एसएसपी रहे। उन्होंने खालिस्तानी आतंकियों को स्वर्ण मंदिर से निकालने के लिए चलाए ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। भारत-नेपाल सीमा पर मान को तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन पर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की साजिश में शामिल होने से लेकर देशद्रोह तक कई केस दर्ज हुए।

पांच साल तक भागलपुर की जेल में नजरबंद रहे मान ने 1989 के लोकसभा चुनाव में तरनतारन हलके से नामांकन भरा। उन्होंने 5,27,707 वोट लेकर रिकॉर्ड जीत कायम की। उनके मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अजीत सिंह मान (जिला अमृतसर कांग्रेस अध्यक्ष) ने चुनाव लड़ा। इस सीट पर मान ने 561883 वोट में से 527707 वोट लेकर कांग्रेस के अजीत सिंह मान को 480417 वोटों से हराया। चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी। तरनतारन से लोकसभा सदस्य बनने पर उन्हें रिहा किया गया।

सिमरनजीत सिंह मान ने जेल में रहते तरनतारन से लोकसभा चुनाव लड़ा। चुनाव में 93.92 फीसदी वोट हासिल करने वाले मान का रिकॉर्ड 30 साल बाद भी कोई नहीं तोड़ पाया। हालांकि 25 साल बाद इसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने पर उनकी जमानत जब्त हो गई थी।

20 मई 1945 को एक राजनीतिक घराने में सिमरनजीत सिंह मान का जन्म हुआ। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल जोगिंदर सिंह मान 1967 में विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। मान ने 1999 में दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। तरनतारन हलके से रिकॉर्ड तोड़ जीत के बाद भी मान देश की संसद में नहीं पहुंच पाए। उन्होंने संसद में तलवार लेकर जाने की जिद्द की। 2014 के लोकसभा चुनाव में सिमरनजीत सिंह मान ने हलका खडूर साहिब (पहले तरनतारन) से अकाली दल अमृतसर की ओर से नामांकन भरा। चुनाव में कुल 17 प्रत्याशी मैदान में थे। मान को चुनाव में 13,990 वोट ही नसीब हुए। वह चुनाव नतीजे में चौथे नंबर पर आए और उनकी जमानत तक जब्त हो गई। अब उनकी जीत ने राज्य की राजनीति में कट्टरपंथ को उबारने का मौका दे दिया है।

Topics: Simranjit Singh Mannface of radical politicscarrying a sword in Parliamentकट्टरपंथी राजनीतिसिमरनजीत सिंह मानसंसद में तलवार
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