एकनाथ शिंदे के बागी गुट का नाम ‘शिवसेना बालासाहब गुट’ ऐसा रखा गया है। यह जानकारी बागी गुट के विधायक तथा पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने मीडिया को दी। शिवसेना के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मुंबई के शिवसेना भवन में हुई। इसमे पांच प्रस्ताव मंजूर किए गए जिसमे बागी विधायकों पर कारवाई करने के अधिकार उद्धव ठाकरे को दिए गए। बैठक होने के बाद संजय राऊत ने मीडिया से कहा कि कोई भी बालासाहब ठाकरे का नाम नही ले सकते। वोट मांगने है तो शिवसेना के बाप के नाम से मांगने के बजाए अपने बाप के नाम से मांगे ऐसे शब्दों में राऊत ने जबाब दिया। आदित्य ठाकरे ने आखिर में शिवसेना ही जीतेगी ऐसा विश्वास व्यक्त किया।
बालासाहब का नाम अपने गुट को देने का फैसला एकनाथ शिंदे गुट का मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है। उन्होंने शिवसेना बालासाहब गुट का रजिस्ट्रेशन करने के लिए आवेदन दिया गया है। दीपक केसरकर ने कहा की यह गुट किसी राजनैतिक दल में सम्मलित नहीं होगा।
उन्होने दावा किया कि, विधानसभा के उपाध्यक्ष बालासाहब गुट के विधायकों को जो नोटिस भेज रहें है वह असंवैधानिक है। कल से बागी विधायकों के कार्यालय और घर पर शिवसेना के कार्यकर्ता हमले कर रहे हैं। जलगांव, ठाणे, पुणे में ऐसी घटनाएँ हुई हैं।
जलगांव जिले के धरणगाव में बागी विधायक तथा मंत्री गुलाबराव पाटिल के विरोध में तोडफोड की गई। नारे लगा कर पुतला फूंका गया। पुणे में तानाजी सावंत के कार्यालय में तोडफोड की गई। ठाणे में एकनाथ शिंदे के कार्यालय पर नारेबाजी हुई। नासिक में पोस्टर को कालिख पोतने की कोशिश हुई। मुंबई में भी बागी विधायक के कार्यालय में तोडफोड की गई।
इस बारें में एकनाथ शिंदे ने अपने ट्वीटर पर लिखा की विधायकों की सुरक्षा निकालना ठीक नही है। विधायकों के परिवार को सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैय्या करनी चाहिए। अगर किसी को कुछ नुकसान होता है तो उसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री, आदित्य ठाकरे, संजय राऊत, और गृहमंत्री होंगे।
शिंदे के इस बयान के तुरन्त बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने पत्रकारों से कहा कि, किसी भी विधायक की सुरक्षा वापस नहीं ली गई है। विधायकों के परिवार को सुरक्षा देने के लिए पुलिस को आदेश दिए गए हैं।
शिवसेना ने आनन फानन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। शिवसेना में बैठकों का दौर लगातार जारी है। जहां ढाई साल में एक भी संगठनात्म बैठक नही हुई वहाँ कल से शिवसेना के जिलाप्रमुख, विभाग प्रमुख की बैठके ली गयी। बागी गुट को शिवसेना का कोई संवैधानिक अधिकार न मिलें इसलिए इन बैठकों का दौर चल रहा है ऐसा राजनैतिक विशेषज्ञों का कहना है।
वहीं विधायक दीपक केसरकर ने मीडिया से कहा शिवसेना अगर बालासाहब ठाकरे का नाम अपने गुट को देने पर आपत्ती जताती है तो हम गुट को अलग नाम देने का विचार करेंगे ऐसा। गुवाहाटी से बागी गुट के एक विधायक अब्दुल सत्तार बाहर निकल कर औरंगाबाद की ओर जाने की खबर आयी है। लेकिन वे बागी गुट में ही रहेंगे। अपने चुनाव क्षेत्र सिल्लोड में समर्थकों के रैली को संबोधित करने के लिए वे औरंगाबाद गए है।
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