भारतीय वायु सेना ने मिस्र के काहिरा पश्चिम एयरबेस में शुक्रवार से शुरू हुए सामरिक हवाई कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पांच लड़ाकू विमान भेजे हैं। मिस्र के वायु सेना हथियार स्कूल में होने वाले इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 57 वायु योद्धाओं को भी भेजा है। मिस्र जाते समय रास्ते में संयुक्त अरब अमीरात वायु सेना ने भारतीय विमानों को हवा में ही ईंधन देकर एक बार फिर भारत के साथ दोस्ती निभाई।
मिस्र के काहिरा पश्चिम एयरबेस में आज से सामरिक हवाई कार्यक्रम शुरू हुआ है जो एक माह यानी 24 जुलाई तक चलेगा। इसमें भाग लेने के लिए भारतीय वायु सेना ने लड़ाकू विमानों की फ्लीट रवाना की है। इसमें तीन सुखोई-30एमकेई, दो सी-17 परिवहन विमान शामिल हैं। इसके अलावा सी-17 के चालक दल सहित 57 वायु सेना कर्मियों को भी भेजा गया है। वायु सेना प्रवक्ता विंग कमांडर आशीष मोघे के अनुसार यह विभिन्न संघर्ष परिदृश्यों का अनुकरण करते हुए अनूठा हवाई अभ्यास है। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाना और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है।
वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में यह अभ्यास भारतीय वायुसेना की पहुंच और क्षमता को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। इस अभ्यास के दौरान भारत में निर्मित सुखोई-30 एमकेआई के जरिये स्वदेशीकरण के लिए देश की विशेषज्ञता को प्रदर्शित करने का भी मौका मिलेगा। मिस्र जाते समय रास्ते में भारतीय विमानों को लगभग 6 घंटे नॉन-स्टॉप यात्रा निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए संयुक्त अरब अमीरात वायु सेना ने हवा में ही ईंधन देकर सहायता की। इसके लिए भारतीय वायु सेना ने यूएई एयर फ़ोर्स की सराहना की है।
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